Digital Arrest Scam: डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं और अब एक और मामला जोर पकड़ रहा है. बता दें कि नोएडा के एक 52 वर्षीय बिजनेसमैन को 5 लाख रुपये की चपत लग गई. यह फेक पार्सल या फिर फेक एड स्कैम जैसा ही है. स्कैमर्स ने व्यक्ति को नकली सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल किया और अपने जाल में फंसाया. चलिए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा में रहने वाले नवीन कुमार आनंद के पास 5 जून की दोपहर एक कॉल आया. कॉल पर जो व्यक्ति था वो खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच से संबंधित बता रहा था. स्कैमर ने नवीन को डिजिट अरेस्ट में फंसाया और उसे वीडियो कॉल पर स्विच करने के लिए कहा. स्कैमर ने उसे कहा कि उसका नाम ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया है. साथ ही कहा कि इससे निकलने के लिए उसे कुछ भुगतान करना होगा और अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके नाम का वारंट निकाला जाएगा और उसे गिरफ्तार किया जाएगा.
स्कैमर्स ने व्यक्ति को काफी प्रेशर दिया और इसी झांसे में आकर उनकी सारी मांगे पूरी कर दीं. स्कैमर्स ने उन्हें आश्वासन दिया कि यह एक टैम्प्रेरीर तरीका है जिससे सुप्रीम कोर्ट ऑडिटर्स द्वारा उनकी बेगुनाही साबित करने और बैंक अकाउंट को फ्रीज होने से बचाया जा सकेगा. सारी बात मानते हुए नवीन ने 5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस घटना को एक हफ्ता बीत गया और उसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ स्कैम हुआ है.
स्कैमर्स ने उन्हें पैसा वापस करने का वादा किया था जो पूरा नहीं किया. इसके बाद नवीन ने पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई. देखा जाए तो सरकार, बैंक और यहां तक की हम भी आपको कई बार बताते आए हैं कि आपको इस तरह के झांस में नहीं फंसना है. लेकिन फिर भी लोग कहीं न कहीं चूक कर देते हैं. व्यक्ति की एक चूक उन्हें भारी पड़ जाती है.