Deepfake Security Tips: आपने जनरेटिव AI के बारे में जरूर सुना होगा. जितनी तेजी से इसका चलन बढ़ा है, उतनी ही तेजी से प्राइवेसी का खतरा भी बढ़ा है. शायद आपने कभी इसके खतरों के बारे में नहीं सोचा होगा. जनरेटिव AI के जरिए Deepfake जैसे खतरे बढ़ रहे हैं जिसके तहत लोगों की पहचान चुराई जाती है और उनके खिलाफ गलत चीजें पोस्ट की जाती हैं. सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिर Deepfake क्या है.
Deepfake क्या है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति की पहचान चुराई जाती है या फिर उसकी फोटो या वीडियो को मॉर्फ किया जाता है और फिर उसे गलत तरह से इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के तौर पर- अगर हैकर के हाथ आपकी आवाज और निजी जानकारी लग जाती है तो साइबर क्रिमिनल्स उसके जरिए आपके बैंक को कॉन्टैक्ट कर आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं.
अगर आपको ये लगता है कि आप तो AI का इस्तेमाल ही नहीं करते हैं तो आप इसका शिकार भी नहीं हो सकते हैं, तो आप गलतफहमी में है. स्कैमर्स आपकी वीडियो, फोटो और आवाज चुराकर उसका इस्तेमाल गलत तरह से कर सकते हैं. आपकी फोटो-वीडियो को मॉर्फ कर आपको बदनाम भी किया जा सकता है. हालांकि, इससे बचा जा सकता है. इससे बचने के लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.
Deepfake से बचने के लिए करें ये काम:
सबसे पहले तो आपको यह ख्याल रखना होगा कि आप ऑनलाइन जो भी शेयर करें उसे समझदारी से शेयर करें. कोई भी पर्सनल जानकारी या हाई-क्वालिटी फोटो-वीडियो ऑनलाइन शेयर न करें.
हमेशा अपने अकाउंट पर स्ट्रॉन्ग प्राइवेसी सेटिंग लगाकर रखें. सोशल मीडिया सेटिंग को बदलें. इसे ऐसे सेट करें कि आप जो शेयर कर रहे हैं वो सिर्फ आपके दोस्तों को दिखे.
फोटोज पर वॉटरमार्क लगाना शुरू करें. जब भी आप ऑनलाइन कोई वीडियो या फोटो शेयर करें तो उस पर डिजिटल वॉटरमार्क जरूर लगाएं. इससे कोई और आपकी फोटो या वीडियो का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें. आपको अपने अकाउंट और अपनी सिक्योरिटी को डबल करना होगा. जब भी कोई आपके अकाउंट में गलत तरह से एंटर करने की कोशिश करेगा तो आपके फोन पर आने वाला टेक्स्ट या फिर जो भी तरीका आपने सेट किया होगा, उससे आगे नहीं बढ़ पाएगा. यह अकाउंट में सिक्योरिटी की एक एक्स्ट्रा लेयर एड करता है.
हमेशा यूनीक पासवर्ड का इस्तेमाल करें. ज्यादातर अकाउंट कमजोर पासवर्ड के चलते ही हैक होते हैं. हमेशा ऐसा ही पासवर्ड रखें जो यूनीक हो और उसमें कैपिटल लैटर, लोअर लैटर, स्पेशल कैरेक्टर आदि हो.
सॉफ्टवेयर को हमेशा अप टू डेट रखें. कई बार हैकर्स हमारी डिवाइस में ऐसे मैलवेयर डाल देते हैं जो हमारी जानकारी चुराने का काम करते हैं. इससे बचने के लिए कंपनियां सॉफ्टवेयर अपडेट देती हैं. ऐसे में डिवाइस को हर समय अपडेटेड ही रखना चाहिए.
किसी भी ईमेल, मैसेज, टेक्स्ट या कॉल को रिसीव करते समय यह ध्यान रखें कि आपको क्या बात करनी है और क्या नहीं. इसी तरह से हैकर्स यूजर्स को मैन्यूप्लेट करते हैं उनकी जानकारी या आवाज चुराने का काम करते हैं. किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उनके बारे में पूरी जांच पड़ताल कर लें.
अगर आपको कोई भी Deepfake कंटेंट दिखता है तो आपको उसे तुरंत रिपोर्ट करना है. यह चाहें आपसे संबंधित हो या किसी और से, रिपोर्ट करना बेहद जरूरी है.
कानूनी सलाह लेनी बेहद जरूरी है. अगर गलती से आप कभी Deepfake के मामले में फंस जाते हैं तो आपको रिपोर्ट तो करना ही है और साथ ही कानूनी सलाह भी लेनी है.
आपको खुद को हमेशा डीपफेक को लेकर अपडेटेड रखना चाहिए. अगर आपको जानकारी रहेगी तो आप हमेशा सतर्क रहेंगे.