Cyber Slavery: साइबर फ्रॉड के मामले में एक बड़ी परेशानी बनकर उभर रहे हैं.इसमें लगभग 30,000 भारतीय नागरिक जो दूरिस्ट वीजा पर गए थे, अब तक वापस नहीं लौटे हैं.गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI) द्वारा तैयार किए गए डाटा के अनुसार, जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच भारत से कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम में विजिटर वीजा पर 73,138 लोग यात्रा पर गए थे, जिनमें से 29,466 अभी तक लौटे नहीं हैं.
इसमें 20-39 आयु के लोगों की संख्या लगभग आधी है और रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 90% पुरुष हैं.सबसे अधिक लोग पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हैं.ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन व्यक्तियों को नौकरी का लालच देकर साइबर स्लेव बनाया गया है और उन पर भारत में साइबर फ्रॉड के लिए दबाव डाला जा रहा है.
साइबर स्लेव या साइबर गुलामी की बात करें तो इसमें लोगों को इंटरनेट पर फ्रॉड करने के लिए दवाब बनाया जाता है.ये हिंदी या फिर लोकल लैंग्वेज में फ्रॉड करते हैं.इन लोगों को टारगेट दिया जाता है कि इन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों को फ्रॉड का शिकार बनाना है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन लोगों की जानकारी वेरिफाई करने का निर्देश दिया है.हाल ही में भारत में साइबर फ्रॉड के कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों को अलग-अलग ऑफर्स देकर लूटा जाता है.
इस तरह के फ्रॉड काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि इनका हब कहीं न कहीं तो चल रहा है जहां से ये सभी कुछ ऑपरेट किया जा रहा है.आपको हमेशा सतर्क रहना होगा और कभी भी शक हो तो तुरंत लोकल अधिकारियों को उसकी जानकारी देनी होगी.