Cyber Fraud: डिजिटल अरेस्ट में इस्तेमाल होने वाले 59000 WhatsApp अकाउंट हुए ब्लॉक, सरकार का बड़ा कदम

Cyber Fraud: भारत में बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. गृह मंत्रालय के तहत I4C ने 1,700 से ज्यादा Skype ID और 59,000 WhatsApp अकाउंट्स को ब्लॉक किया है. साथ ही, सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम से अब तक 3,431 करोड़ रुपये बचाए गए हैं और 9.94 लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं.

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Shilpa Srivastava

Cyber Fraud: भारत में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं, और इन्हें रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. भारतीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. I4C ने डिजिटल स्कैम में इस्तेमाल हो रही 1,700 से ज्यादा Skype आईडी और 59,000 WhatsApp अकाउंट्स को पहचान कर ब्लॉक किया है. इसके साथ ही, सरकार ने सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआती की है जो नागरिकों को किसी भी तरह के फाइनेंशियल स्कैम की रिपोर्ट करने में मदद करती है. 

इस सिस्टम की मदद से अब तक 3,431 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बचाई जा चुकी है और 9.94 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री बंदी संजय कुमारा ने यह जानकारी लोकसभा में दी है. उन्होंने बताया कि इस सिस्टम की शुरुआत 2021 में हुई थी और यह नागरिकों को तुरंत स्कैम की रिपोर्ट करने का अवसर देता है जिससे स्कैमर्स द्वारा पैसों की चोरी रोकी जा सके.

इसके अलावा, सरकार ने अब तक 6.69 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI नंबर ब्लॉक कर दिए हैं. इसके अलावा, केंद्र सरकार और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने एक नया सिस्टम डेवलप किया है, जो इंटरनेशनल स्पूफ कॉल्स को पहचान कर ब्लॉक करता है. ये स्पूफ कॉल्स भारतीय मोबाइल नंबर की तरह दिखते हैं, जिससे क्रिमिनल भारत से कॉल्स करने का आभास दिलाते हैं. इस तरह की कॉल्स का इस्तेमाल अक्सर स्कैमिंग के मामलों में होता है, जैसे कि फर्जी गिरफ्तारी, FedEx स्कैम और सरकारी या पुलिस अधिकारी के रूप में पहचान बनाना.

इसके अलावा, I4C ने साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर सस्पेक्ट रजिस्ट्री शुरू किया है, जहां नागरिक अब सस्पेक्ट सर्च फीचर का इस्तेमाल करके साइबर क्रिमिनल्स के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस तरह, सरकार और संबंधित संस्थाएं मिलकर साइबर क्राइमों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रही हैं.