Custom Fraud: हाल ही में एक कस्टम फ्रॉड का मामला सामने आया है जिसमें केरल की एक महिला के 12 लाख रुपये चुरा लिए गए. इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसे रोकने के लिए पीआईबी फैक्ट चेक पर एक पोस्ट किया गया है जिसमें बताया गया है कि स्कैमर्स कैसे काम करते हैं. इससे लोग सतर्क हो सकते हैं और यह जान सकते हैं स्कैमर्स उन्हें जाल में कैसे फंसाते हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह होता है कैसे है.
पीआईबी फैक्ट चेक पर जो पोस्ट किया गया है उसमें एक वॉयस क्लिप भी पोस्ट की गई है जिसके अनुसार, स्कैमर्स अपने टारगेट को कॉल करते हैं और खुद को भारतीय कस्टम विभाग के अधिकारी बताते हैं. कॉल की शुरुआत एक प्री-रिकॉर्डेड मैसेज से होती है, जिसमें दावा किया जाता है कि टारगेट द्वारा ऑनलाइन भेजे जा रहे पार्सल में कोई समस्या है या पैकेज में कुछ अवैध है.
इसके बाद यूजर से कहा जाता है कि अधिक सहायता के लिए 9 दबाएं. लोग घबराकर 9 दबा देते हैं. इसके बाद कॉल एक व्यक्ति के पास ट्रांसफर हो जाती है और सामने वाला व्यक्ति को खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताता है. जबकि यह स्कैमर होता है. आमतौर पर, स्कैमर्स पैकेज में अवैध सामान होने का आरोप लगाते हैं और फिर टैक्स के नाम पर लोगों को लूटते हैं. लोगों को इसके लिए डराया जाता है और ब्लैकमेल भी किया जाता है.
सबसे पहले आपको अपने परिवार से यह सुनिश्चित करना है कि कहीं उन्होंने तो आपको कई कुरियर नहीं भेजा है. अगर न भेजा हो तो इस तरह की कॉल या मैसेज को इग्नोर करें.
आप CBIC की वेबसाइट पर डॉक्यूमेंट आइडेंटिटी नंबर का इस्तेमाल कर भारतीय कस्टम से किसी भी कम्युनिकेशन को वेरीफाई कर सकते हैं.
अपने फोन पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें, फिर चाहे वो कितना भी सच क्यों न लगे.
इस तरह के मामले की सूचना अपने लोकल पुलिस या साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को दें.