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ChatGPT से भी ज्यादा खतरनाक है एलन मस्क Grok-2! बना डाली ऐसी फोटो कि आखों पर नहीं होगा यकीन

Grok-2 AI Model: एलन मस्क के एआई मॉडल को लेकर बहस और चर्चा दोनों ही चल रही है. दरअसल, कुछ ही समय पहले Grok-2 ने एक ऐसी फोटो बनाई थी जो गलत जानकारी फैलाने की चिंता पैदा करती है. इसमें डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस की फोटो है जो एक बीच पर बैठकर आइसक्रीम का मजा ले रहे हैं.

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Edited By: India Daily Live
Grok 2 AI
Courtesy: Freepik

Grok-2 AI Model: एलन मस्क के AI टूल को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मस्क ने नए AI टूल, Grok-2 पर बात करते हुए बताया है कि AI का इस्तेमाल इमेज बनाने के लिए कैसे किया जा सकता है. मस्क का कहना है कि Google और OpenAI जैसी कंपनियां AI टूल को वास्तविक लोगों की फोटोज बनाने की अनुमति नहीं देती है और AI टूल को लेकर उनका नजरिया कुछ अलग है. 

मस्क की कंपनी xAI ने Grok-2 को डेवलप किया है और यह बेहद ही रियलिस्टिक फोटो बनाता है. हालांकि, कई बार तो यह ऐसी फोटो बना देता है जिस पर यकीन करना लगभग नामुमकिन हो जाता है जिनमें अनुचित या भ्रामक स्थितियों में पॉलिटिकल लोगों की फोटोज शामिल होती हैं. ऐसे में यह गलत जानकारी फैलाने की चिंता पैदा कर सकता है. खासकर चुनाव जैसे महत्वपूर्ण समय के दौरान इस तरह की फोटोज किसी भी छवि खराब करने के लिए काफी होती हैं. AI द्वारा बनाई गई फोटोज से जुड़े कानूनी विवाद काफी मुश्किल होते हैं. 

Grok AI को लेकर बढ़ा विवाद: 

Grok AI को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब इसने ऐसी फोटोज बनानी शुरू कीं जिनमें डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस जैसी जानी-मानी हस्तियों की अनुचित फोटो सामने आई. Google और OpenAI जैसी कंपनियों ने अपनी AI टेक्नोलॉजी पर लोगों की फोटोज बनाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है जिससे इसके दुरुपयोग से बचा जा सके. लेकिन Elon Musk की कंपनी xAI ने एक अलग तरीका अपनाया है. Musk का मानना है कि सेंसरशिप कम होनी चाहिए और स्वतंत्रता ज्यादा होनी चाहिए. इसलिए xAI ने अपने AI टूल Grok-2 को कम नियमों के साथ चलने की अनुमति दी है. यहां देखें ऐसा ही एक पोस्ट जिसमें एक आपत्तिजनक फोटो है- 

AI इमेज जनरेटर फैला रहा है गलत जानकारी!

मस्क के इस फैसले को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि Grok-2 और इसी तरह के AI इमेज जनरेटर गलत जानकारी फैलाने या राजनीति और समाज में अशांति पैदा करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इनसे भ्रामक फोटोज बनाई जा सकती हैं. स्टेबिलिटी AI और मिडजर्नी जैसी कंपनियों ने उनके AI सिस्टम को ट्रेन करने के लिए कुछ कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल किया है जिसकी परमीशन भी नहीं ली गई थी. इसके लिए उन्हें कोर्ट केस का सामना करना पड़ा है. xAI की पॉलिसीज भी कुछ ऐसी ही हैं जो उन्हें कानूनी समस्याओं में डाल सकता है. 

बता दें कि Google ने एक सेफ तरीका अपनाया है. कुछ ही समय पहले गूगल ने AI को लोगों की फोटोज बनाने से रोक दिया था जिसमें कुछ आपत्तिजनक कंटेंट था और जब यह फीचर दोबारा शुरू किया गया तो इसे केवल प्रीमियम यूजर्स के लिए ही उपलब्ध कराया गया है और खास सुरक्षा के साथ उपलब्ध कराया गया है. 

कुल मिलाकर, Grok-2 को लेकर बहस छिड़ चुकी है और इसकी टेक्नोलॉजी और जोखिमों को लेकर बैलेंस बनाने की बात की जा रही है.