अमेरिका के खिलाफ एक्शन मोड में चीन, गूगल के खिलाफ जांच शुरू करेगा ड्रैगन
चीन द्वारा गूगल के खिलाफ जांच की शुरुआत और अमेरिका तथा अन्य देशों में चल रही कानूनी कार्यवाहियों से यह स्पष्ट होता है कि गूगल पर वैश्विक स्तर पर नियामक दबाव बढ़ता जा रहा है.
चीन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह गूगल के खिलाफ एक जांच शुरू करेगा, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि गूगल ने चीन के प्रतिस्पर्धा विरोधी कानून का उल्लंघन किया है.
चीन के राज्य बाजार नियमन प्रशासन (SAMR) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि गूगल के खिलाफ यह जांच चीन के एंटी-मोनोपॉली कानून के उल्लंघन के चलते शुरू की जा रही है. यह घोषणा अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चीन की हाल की योजना के बाद हुई है.
अमेरिका से व्यापारिक तनाव
चीन के वित्त मंत्रालय ने 10 फरवरी से अमेरिका से आयातित कोयला और लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) पर 15% शुल्क लगाने की योजना बनाई है. इसके अलावा, अमेरिका से आयातित कच्चे तेल, कृषि उपकरण, और कुछ प्रकार की कारों और ट्रकों पर 10% अधिक शुल्क लगाए जाएंगे. वहीं, चीन ने भी अमेरिका के जवाब का रिएक्शन देते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 15 फीसदी टैरिफ लगाने का आदेश दिया है.
गूगल पर बढ़ते कानूनी दबाव
गूगल पहले से ही विभिन्न देशों में नियामक जांचों का सामना कर रहा है. हाल ही में, गूगल को अमेरिकी सरकार के खिलाफ एक मुकदमे में हार का सामना करना पड़ा था. इस मुकदमे में आरोप था कि गूगल ने सामान्य खोज बाज़ार में एकाधिकार स्थापित किया है और नए प्रतियोगियों के लिए प्रवेश को मुश्किल बना दिया है.
अगस्त में आए इस फैसले के बाद, अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल से क्रोम ब्राउज़र को बेचने की मांग की थी. इसके अलावा, विभाग ने यह भी कहा कि गूगल को एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों के साथ विशेष समझौतों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
अन्य देशों में भी जांच
गूगल को ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा और बाजार प्राधिकरण (CMA) द्वारा भी जांच का सामना करना पड़ रहा है. इस जांच का उद्देश्य यह देखना है कि गूगल के पास "रणनीतिक बाजार स्थिति" है या नहीं, जो एक नए यूके कानून के तहत निर्धारित किया गया है.