बिल गेट्स ने सालों पहले ही कर दी थी Apple के इस प्रोडक्ट के विनाश की भविष्यवाणी
Bill Gates Prediction For iPod: बिल गेट्स ने 2005 में भविष्यवाणी की थी कि iPod की सफलता लंबे समय तक नहीं टिकेगी क्योंकि स्मार्टफोन जल्द ही कई सर्विसेज के साथ मार्केट में आएंगे. उनकी यह भविष्यवाणी सही साबित हुई, क्योंकि iPhone के लॉन्च के बाद स्मार्टफोन ने iPod की जगह ले ली. गेट्स ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल किशोरों की मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है.
Bill Gates Prediction For iPod: बिल गेट्स ने iPod के भविष्य को बहुत पहले ही भांप लिया था. लगभग दो दशक पहले, जब iPod म्यूजिक की दुनिया में क्रांति ला रहा था और Apple MP3 प्लेयर मार्केट में राज कर रहा था, तब गेट्स ने इसकी गिरावट की भविष्यवाणी कर दी थी. 2005 में एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा था कि iPod का दबदबा ज्यादा समय तक नहीं रहेगा, क्योंकि जल्द ही स्मार्टफोन आएंगे जो सिर्फ म्यूजिक प्लेयर से कहीं ज्यादा फीचर्स देंगे. उस समय यह भविष्यवाणी असंभव लग रही थी क्योंकि iPhone 2007 में लॉन्च हुआ और तब तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादातर बिजनेस प्रोफेशनल्स करते थे.
iPod की भारी लोकप्रियता के बावजूद, गेट्स ने यूजर्स की बदलती जरूरतों को भांप लिया था. उन्होंने कहा था, "मुझे नहीं लगता कि iPod की सफलता लंबे समय तक टिक पाएगी, भले ही Apple कितना भी अच्छा हो." गेट्स ने यह भी बताया कि यूजर जल्द ही ऐसे डिवाइस की मांग करेंगे जो कई काम कर सके.
गेट्स ने iPod की तुलना Apple के पहले के Macintosh कंप्यूटर से की, जो शुरू में मार्केट में आगे था लेकिन बाद में ऐसे कंप्यूटरों से पिछड़ गया जो ज्यादा फीचर्स दे रहे थे. गेट्स की यह भविष्यवाणी बिल्कुल सही साबित हुई क्योंकि समय के साथ स्मार्टफोन ने iPod जैसे सिंगल-फंक्शन डिवाइस की जगह ले ली.
इसके अलावा, गेट्स ने हाल ही में माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह दी. उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की निरंतर मौजूदगी उनके बचपन के एक्सपीरियंस को बाधित कर सकती थी और शायद वह कभी अरबपति नहीं बन पाते. गेट्स ने अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि उन्होंने किताबें पढ़ीं और सोचने का समय निकाला. यह मददगार भी साबित हुआ, जो उनकी सफलता का अहम हिस्सा बना.
गेट्स ने यह भी कहा कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम और सोशल मीडिया मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. उन्होंने जिक्र किया कि इससे किशोरों में चिंता, अवसाद, खान-पान संबंधी विकार, आत्म-नुकसान और आत्म-सम्मान की कमी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं.