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फोन और लैपटॉप का AI कर रहा है आपकी जासूसी, बैंक अकाउंट भी कर सकता है खाली

AI Hacking: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI आजकल काफी चर्चित है. इस टेक्नोलॉजी ने अपनी काबिलियत से लोगों को खूब लुभाया है. यह मददगार तो साबित हुआ है लेकिन खतरनाक भी हो सकता है. AI अपने फीचर्स का इस्तेमाल करने या फिर अपनी क्षमता के लिए पूरी तरह से क्लाउड कंप्यूटिंग पर निर्भर करता है. AI के जरिए आपकी डिटेल्स कैसी हैक हो सकती है, चलिए जानते हैं. 

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AI Hacking
Courtesy: Canva

AI Hacking: समय के साथ स्मार्टफोन्स स्मार्ट हो गए हैं. धीरे-धीरे इनमें कई ऐसे फीचर्स दिए जाते हैं जो आपके रोजमर्रा के काम को आसान बना देते हैं. कुछ इसी तरह के फीचर्स हाल फिलहाल में भी दिए गए हैं. हम बात कर रहे हैं AI फीचर्स की. जब से AI टर्म चलन में आया है तब से लेकर अब तक कई कंपनियों ने अपने फोन में इन फीचर्स को देना शुरू कर दिया है. Samsung के बाद से लेकर अब तक Apple और Google ने भी इन फीचर्स को अपने फोन्स में उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. 

AI आपके लिए जितना मददगार है उतना ही खतरनाक भी है. इससे कई काम आसान हो जाते हैं जिनमें आप फोन में आसानी से फोटो एडिटिंग कर सकते हैं और साथ ही नोट्स भी बना सकते हैं. सिर्फ यही नहीं, किसी प्रोडक्ट को सर्कल कर सर्च भी किया जा सकता है. इन सबसे अलग यह काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है. ये सिर्फ फोन में ही नहीं बल्कि लैपटॉप में भी हो सकता है. 

AI कैसे चुरा सकता है आपकी जानकारी:

फोन की बात करें तो यह आपकी कॉल सुन सकता है और यहां तक की आपके मैसेजेज पर भी नजर रख सकता है. लैपटॉपस की बात करें तो यह लैपटॉप में हर सेकेंड का स्क्रीनशॉट लेकर यह पता कर सकता है कि आप लैपटॉप पर क्या कर रहे हैं. अब ऐसा भी हो सकता है कि यह सब काम आपकी मदद के लिए ही हो. ऐसे में इस बारे में जानते हैं विस्तार से. 

AI से क्या है खतरा: 

AI के लिए यह काम बेहद ही आसान है. AI में एक अलग तरह की कंप्यूटेशनल पावर की जरूरत होती है जो किसी भी फोटो से किसी अनचाही ऑब्जेक्ट को गायब कर सकती है और आप यह पता ही नहीं लगा पाएंगे कि वो ऑब्जेक्ट कभी फोटो में ही था. इस तरह की पावर आपके कंप्यूटर में नहीं होती है. 

AI इस तरह के काम के लिए बाहर से यानी क्लाउड कंप्यूटिंग से मदद लेता है. इसके चलते आपकी जानकारी क्लाउड में पहुंचती है और फिर उसके लीक होने का खतरा बना रहता है. हालांकि, कंपनियां यह जरूर कहती हैं कि उनकी क्लाउड सर्विस एकदम सेफ और सिक्योर है लेकिन यह हम सभी जानते हैं कि हैकर्स के लिए किसी भी सिक्योरिटी को तोड़ना कितना आसान है. 

अगर किसी कंपनी के क्लाउड पर आपकी कोई जानकारी सेव है तो उसे कंपनी, सरकारी एजेंसी और अगर हैक हो जाता है तो हैकर्स द्वारा देखा जा सकता है. ऐसे में AI की मदद केवल उतनी ही लें जितनी जरूरत हो. ज्यादा हाईटेक बनने के चक्कर में कहीं आपको चूना न लग जाए.