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Dating Apps के लिए AI गर्लफ्रेंड बना बड़ा खतरा, फूंक-फूंक कर रखने पड़ेंगे कदम!

AI Girlfriends: क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग ऐसे हैं जो एआई गर्लफ्रेंड्स या एआई पार्टनर्स पर हर महीने हजारों डॉलर खर्च करते हैं? इससे डेटिंग ऐप्स का मार्केट मंदा हो सकता है. 

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Edited By: India Daily Live
virtual companions

AI Girlfriends: आपने AI गर्लफ्रेंड्स के बारे में तो सुना ही होगा. इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह आपके इमोशन और बातों को समझकर आपको जवाब देते हैं. AI गर्लफ्रेंड्स ने तो डेटिंग ऐप्स को भी पीछे छोड़ दिया है. वैसे तो इसका चलन बढ़ गया है लेकिन यह कई तरह से खतरनाक भी है. इसे लेकर एक अमेरिकी टेक एग्जीक्यूटिव ने बताया है कि इसका इस्तेमाल कई लोग पैसे कमाने के लिए भी करते हैं. वीवर्क के पूर्व एग्जीक्यूटिव ग्रेग इसेनबर्ग ने X पर एक लंबा पोस्ट किया और बताया कि उसे एक व्यक्ति मिला जिसने दावा किया था कि वो AI गर्लफ्रेंड्स या AI चैटबॉट्स पर हर महीने 10,000 डॉलर खर्च करता है.

ये चैटबॉट या गर्लफ्रेंड्स एकदम रियल-लाइफ पार्टनर्स की तरह होते हैं. इस मामले पर इसेनबर्ग ने कहा कि देर-सवेर मार्केट में कोई न कोई इस बात फायदा जरूर उठाएगा. इन्होंने उस 24 वर्षीय लड़के के साथ हुई एक छोटी-सी बातचीत शेयर की. इसेनबर्ग ने उस लड़के से पूछा कि उसने इसमें क्या पसंद है. लड़के ने कहा कि जिस तरह से लोगों को वीडियो गेम खेलना पसंद होता है उसे AI गर्लफ्रेंड्स से खेलना पसंद है. वो उन्हें कस्टमाइज कराता और अपने कंफर्ट के हिसाब से इस्तेमाल करता है. 

देखा जाए तो यह एक गंभीर मामला है. क्योंकि आखिरी में है तो ये एक चैटबॉट ही. इन पर इमोशनली निर्भर हो जाना, एकदम सही नहीं है. इसेनबर्ग ने AI जनरेटेड मॉडल्स की कुछ पिक्चर्स भी शेयर कीं जो एकदम असली लग रही थीं. उस लड़के ने इन्हें बताया कि वो Candy.ai और Cupid.ai का इस्तेमाल करता है. 

एआई चैटबॉट हमारी डिजिटल लाइफ में तेजी से इंटीग्रेट हो रहे हैं. लोग प्यार और कनेक्शन के लिए वर्चुअल पार्टनर की तरफ रुख कर रहे हैं. कई रिपोर्टों से पता चला है कि सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी वर्चुअल बॉयफ्रेंड में रुचि रखती हैं. पिछले साल ही एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें यह दावा किया गया था कि 25 साल की एक चाइनीज लड़की एक AI चैटबॉट के साथ रोमेंटिक कनेक्शन में थी जिसका नाम Glow था. 

डेटिंग ऐप्स के लिए खतरा:
एक समय था जब डेटिंग ऐप्स चरम पर थीं लेकिन जब से AI चैटबॉट्स या AI गर्लफ्रेंड मार्केट में आए हैं तब से लेकर अब तक डेटिंग ऐप्स जैसे Tinder, Bumble आदि की कमाई पर असर पड़ा है. इनमें भी सब्सक्रिप्शन होते हैं. लेकिन जिस तरह से यह बात सामने आई है कि लोग इन बॉट्स पर हर महीने हजारों डॉलर खर्च कर रहे हैं, ऐसे में डेटिंग ऐप्स का मार्केट जल्द ही मंदा पड़ सकता है. जहां डेटिंग ऐप्स लोगों को एक दूसरे के साथ मैच कराती हैं और बात करने का मौका देती हैं. वहीं, ये चैटबॉट्स यूजर्स को अपने मुताबिक पार्टनर को कस्टमाइज करने का मौका देते हैं जो रियल नहीं होते. ऐसे में इमोशनल निर्भरता नहीं रहती है. साथ ही कोई डिमांड भी नहीं होती हैं. कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें AI गर्लफ्रेंड्स की तरफ लोगों का झुकाव ज्यादा बताया गया है.

कितनी खतरनाक है AI गर्लफ्रेंड: 
AI गर्लफ्रेंड आजकल किसी फैंटसी से कम नहीं है. ये न तो कोई डिमांड करती हैं और न कोई इमोशनल अटैचमेंट दिखाती हैं. सुनने में ये सब कितना अच्छा लग रहा है न. लेकिन यह फैंटसी ही रहे तो बेहतर है. AI पार्टनर्स कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं, चलिए जानते हैं. 

पर्सनल डाटा: कई बार लोग इमोशनल होकर AI गर्लफ्रेंड को अपनी सारी बातें बता देते हैं. सिर्फ यही नहीं कई बार तो चैटबॉट्स नकली होते हैं जो लोगों से उनकी सभी जानकारी हासिल कर लेते हैं. फिर इन डिटेल्स को लेकर लोगों को ब्लैकमेल करते हैं. मोजिला ने एक ब्लॉग में बताया था कि 90 फीसद चैटबॉट न्यूनतम मिनिमम सिक्योरिटी स्टैंडर्ड में पास नहीं हो पाए हैं. ऐसे में इस तरह के चैटबॉट्स आपकी डिटेल्स को कभी भी लीक कर सकते हैं. पर्सनल डिटेल्स के जरिए ब्लैकमेल किया जाता है और फिर फिरौती की मांग भी की जाती है. 

ट्रैकिंग: AI गर्लफ्रेंड कई तरह से आपकी हर जानकारी को ट्रैक करती है. इसमें यूजर की पर्सनल जानकारी होती है. इन डिटेल्स को थर्ट पार्टी एडवर्टाइजमेंट कंपनी को बेच दिया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐप्स यूजर का डाटा चुराने के लिए लगभग हर मिनट औसत तौर पर 2663 ट्रैकर्स का इस्तेमाल करते हैं.