KYC Deadline: भारत सरकार ने KYC डाटा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं. KYC डाटा, जैसे कि PAN, Aadhaar, Voter ID और Driving License नंबर, से जुड़ी सेंसिटिव जानकारी को गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए, सरकार ने इन नंबरों को मास्क करने का प्रस्ताव रखा है. पहले यह बदलाव दिसंबर 2024 में लागू होने वाला था, लेकिन अब सरकार ने इसे 20 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया है.
मास्किंग KYC फीचर से कैसे होगा फायदा; नया सिस्टम 20 जनवरी 2025 से लागू होगा, जिसमें KYC डॉक्यूमेंट्स में सेंसिटिव जानकारी को छिपाया जाएगा. इसमें Aadhaar, PAN, Voter ID, और Driving License जैसे KYC आइडेंटिफायर्स के केवल आखिरी चार अंक दिखाई देंगे. इससे यूजर्स की निजी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी.
केन्द्रीय KYC रिकॉर्ड रजिस्ट्री (CKYCRR) ने एक नया सिस्टम तैयार किया है. 20 जनवरी 2025 से, रजिस्टर्ड रिपोर्टिंग एंटिटीज (REs) को केवल KYC आइडेंटिफायर्स के आखिरी चार अंक दिखाई देंगे. अगर किसी RE को पूरा KYC रिकॉर्ड देखना है, तो उन्हें खुद को वेरिफाई करना होगा और या तो मास्क किए गए KYC आइडेंटिफायर्स या CKYC रेफरेंस आईडी का इस्तेमाल करके डाटा डाउनलोड करना होगा. इस नए टू स्टेप ऑथेंटिकेशन सिस्टम से डाटा सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा और अनधिकृत एक्सेस को रोका जाएगा.
CKYCRR ने KYC डाटा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक और अहम कदम उठाया है. इसके तहत, KYC जानकारी को केवल स्पेशल आईपी एड्रेसेज से ही एक्सेस किया जा सकेगा. पहले, कई फाइनेंशियल कंपनियों और सर्विसेज KYC डाटा एक थर्ड पार्टी से लेते थे, जिसमें आईपी एड्रेस से डाटा का एक्सेस किया जा सकता था. अब, CKYCRR ने यह अनिवार्य कर दिया है कि फाइनेंशियल कंपनियां अपनी KYC डिटेल्स को सीधे अपनी IP के जरिए एक्सेस करें, जिससे केवल अधिकृत व्यक्ति ही इसे देख सकें.
यह बदलाव 31 दिसंबर 2024 तक लागू किया जाएगा और रिपोर्टिंग एंटिटीज को इस नए सेफ्टी प्रोसेस को अपडेट करना होगा.