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आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी की फेक वेबसाइट्स का जाल, करें ये काम नहीं तो फंस जाएंगे आप

Fake Websites: आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड की कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जिन्हें स्कैमर्स ने बनाया है. इन वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठगा जाता है. इस तरह की वेबसाइट्स लोगों के पैसे लूटती हैं. साथ ही उनके डॉक्यूमेंट्स चुराकर उनका गलत इस्तेमाल करती हैं. इससे निर्दोष व्यक्ति पुलिस के चक्कर में फंस सकता है. इस तरह की वेबसाइट से कैसे बचना है, चलिए जानते हैं.

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Fake Websites
Courtesy: Canva

Fake Websites: आधार कार्ड से लेकर पैन कार्ड तक सभी सरकारी डॉक्यूमेंट्स की अपनी आधिकारिक वेबसाइट होती है जहां से सारा काम आसानी से किया जा सकता है. लेकिन स्कैमर्स अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं और वो इन्हें भी हैक करने का तरीका ढूंढ लेते हैं. स्कैमर्स ने आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड की फेक वेबसाइट्स बनाते हैं जिनसे बचकर रहना जरूरी है. 

अगर आप कुछ बातों का ख्याल रखें तो आप इस तरह की वेबसाइट्स से आप खुद को बचा सकते हैं. आपको बस थोड़ा सतर्क रहना है और इधर-उधर ध्यान देना है, इससे आप आसानी से फेक वेबसाइट को पहचान पाएंगे. चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में. 

फेक वेबसाइट पहचानने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो: 

  • इंटरनेट ब्राउज करते समय हमेशा सिक्योर कनेक्शन का ही इस्तेमाल करना चाहिए. एड्रेस बार में पैडलॉक आइकन देखें, जो यह दिखाता है कि वेबसाइट सिक्योर है. इससे यह पता चलता है कि आपकी जानकारी एन्क्रिप्ट की गई है और इसे हैकर्स द्वारा इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता है. 

  • किसी वेबसाइट पर कोई भी निजी या फाइनेंशियल जानकारी दर्ज करने से पहले URL को वेरिफाई करें. यह चेक करें कि यह यूआरएल उस वेबसाइट से मैच करता है या नहीं जिस पर आप जाना चाहते हैं. साइबर क्रिमिनल्स अक्सर वैध वेबसाइटों के जैसे दिखने वाली फेक वेबसाइट बनाते हैं जिससे वो यूजर्स को धोखा दे पाएं. 

  • लोग अक्सर वेबसाइट लिंक ढूंढने के लिए गूगल का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आपको किसी भी ऑनलाइन पेमेंट को करने से पहले उस लिंक को वेरिफाई कर लेना चाहिए. साथ ही उस वेबसाइट की रैंकिंग भी चेक करनी चाहिए. 

  • वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स की ग्रामर और स्पेलिंग्स को चेक करें. फेक वेबसाइट्स में अक्सर स्पेलिंग और ग्रामर की गलतियां होती हैं. ऐसे में आपको बस थोड़ा-सा ध्यान देना है और आप फेक वेबसाइट को पहचान पाएंगे. 

  • वैध वेबसाइटों में हमेशा कॉन्टैक्ट डिटेल्स होती हैं जिसमें ईमेल, फोन नंबर और एड्रेस शामिल होता है. अगर आपको किसी वेबसाइट पर कोई कॉन्टैक्ट इंफॉर्मेशन नहीं मिलती है तो समझ जाइए कि यह एक फेक वेबसाइट है. 

  • अगर आपके पास कोई संदिग्ध लिंक आया है तो आपको उस पर क्लिक नहीं करना है इस तरह के फिशिंग स्कैम का इस्तेमाल कर यूजर्स की डिटेल्स के साथ-साथ उनका पैसा लूटा जाता है. ये लिंक अक्सर फेक वेबसाइट पर ले जाते हैं. ऐसे में यह बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती हैं. 

  • वेबसाइट के SSL सर्टिफिकेट को चेक करें. यह एक सिक्योरिटी प्रोटोकॉल है जो यह सुनिश्चित करता है कि जब आप किसी वेबसाइट पर अपनी जानकारी एंटर करते हैं तो वो एन्क्रिप्टेड रहें. आप एड्रेस बार में पैडलॉक आइकन देखकर SSL सर्टिफिकेट को चेक कर सकते हैं. 

  • आपको किसी भी वेबसाइट पर जाने से पहले उसके रिव्यूज और रैंकिंग पढ़ लेने चाहिए. इससे आपको यह पता चल जाता है कि दूसरे यूजर्स का इस वेबसाइट के साथ कैसा एक्सपीरियंस रहा है.