इतने तरह के होते हैं साइबर फ्रॉड, आधों के बारे में नहीं जानते होंगे आप
Cyber Fraud Types: इस समय ऑनलाइन फ्रॉड से बचना बेहद जरूरी हो गया है और इसके लिए लोगों को यह पता होना चाहिए कि आखिर साइबर फ्रॉड होते कितने तरह के हैं. यहां हम आपको अलग-अलग तरह के स्कैम्स के बारे में बता रहे हैं.
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Cyber Fraud Types: साइबर स्कैम एक तरह की धोखाधड़ी है जो इंटरनेट का इस्तेमाल करके किया जाता है. इसमें क्रिमिनल्स अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि फिशिंग ईमेल, मालिशस वेबसाइट्स और सोशल इंजीनियरिंग आदि. इससे लोग अपनी पर्सनल जानकारी गंवा देते हैं जिसमें बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड जानकारी शामिल होती हैं. लोग अनजाने में इन्हें लोगों के साथ शेयर कर देते हैं.
साइबर स्कैम कई तरह के होते हैं और लोगों को सभी के बारे में पता होना चाहिए. यह स्कैम तेजी से बढ़ रहे हैं और लोग इसके शिकार आमतौर पर बिना सतर्कता के होते हैं. इसे रोकने के लिए लोग का जागरूक होना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको साइबर फ्रॉड कितने तरह के होते हैं, इस बारे में बता रहे है.
कितने तरह के होते हैं साइबर फ्रॉड:
- फिशिंग: इसमें धोखेबाज ईमेल या मैसेज भेजते हैं. यह एकदम वैध लगते हैं जिससे लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और अपनी पर्सनल जानकारी जैसे पासवर्ड या बैंक डिटेल्स शेयर कर देते हैं.
- क्लोनिंग: इसमें स्कैमर्स किसी लोकप्रिय वेबसाइट की नकल करते हैं और यूजर्स को वहां रिडायरेक्ट करते हैं जिससे यूजर अपनी जानकारी यहां एंटर कर सके.
- रैनसमवेयर: इसमें एक वायरस का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सभी फाइल्स को लॉक कर दिया जाता है. इन्हें अनलॉक करने के लिए पैसे की मांग की जाती है.
- ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम: इसमें नकली सेलर या प्रोडक्ट होते है जो यूजर्स को धोखा देकर उनसे पैसे ऐंठते हैं और यूजर का अकाउंट खाली कर देते हैं.
- क्लाउड स्कैम: इसमें यूजर्स को धोखा देने के लिए क्लाउड सर्विसेज का गलत तरह से प्रचार किया जाता है.
- टेक्स्ट स्कैम: इसमें स्कैमर्स टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं, जिसमें किसी रिवॉर्ड या ऑफर का झूठा वादा किया जाता है, जिससे लोगों की पर्सनल जानकारी चुराई जाती है. साथ ही पैसे भी चुराए जाते हैं.
- स्पूफिंग: इसमें स्कैमर्स किसी दूसरे व्यक्ति या संगठन की पहचान का गलत इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि फर्जी ईमेल भेजकर या किसी दूसरे व्यक्ति के फोन नंबर का इस्तेमाल करके.
- मैलवेयर: यह एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है जो किसी कंप्यूटर या नेटवर्क में घुसपैठ करता है, और निजी जानकारी चुराने, डाटा को नुकसान पहुंचाने या सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
- सोशल इंजीनियरिंग: इसमें स्कैमर्स लोगों को अपनी जानकारी शेयर करने के लिए मनाते हैं, जैसे कि फोन कॉल या पर्सनल जानकारी आदि.