HIV Outbreaks In Haridwar Jail: उत्तराखंड के हरिद्वार जिला जेल में रेगुलर मेडिकल चेक-अप के दौरान 15 नए कैदी HIV पॉजिटिव पाए गए. मानक प्रक्रिया के तहत, जेल में दाखिल होने से पहले सभी नए कैदियों की चिकित्सकीय जांच की जाती है. प्रभावित कैदियों को सही मेडिकल ट्रीटमेंट मिल रहा है. यह टेस्ट 7 अप्रैल को किए गए थे. ऐसे में कैदियों और जेल कर्मचारियों में चिंता फैल गई.
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित कैदियों को एक अलग बैरक में ले जाया गया है. अधिकारी स्थिति को संभालने और सुविधा में सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक एहतियात बरत रहे हैं. अप्रत्याशित मेडिकल इमरजेंसी ने जेल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है.
जेल में एचआईवी पॉजिटिव मामलों का यह पहला मामला नहीं है. सबसे हालिया मामला मऊ जिला जेल का था, जहां 13 कैदी HIV पॉजिटिव पाए गए थे. 10 मार्च को उत्तर प्रदेश की जेल से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ, जब 13 कैदियों में HIV की पुष्टि हुई, जिससे जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.
इंफेक्टेड कैदियों में से 10 बलिया के हैं, जबकि तीन मऊ के हैं. बलिया जेल में चल रहे निर्माण कार्य के कारण, इसके कैदियों को वर्तमान में मऊ जेल में रखा गया है. इस चौंकाने वाली खोज ने जेलों में स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं. जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला ने बताया कि सभी पुरुष और महिला कैदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है. जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण दिखते हैं या संक्रमण का संदेह होता है, उन्हें जिला अस्पताल में एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र में आगे की जांच से गुजरना पड़ता है.
पुष्टि होने के बाद, उन्हें आवश्यक उपचार और दवा दी जाती है. शुक्ला ने आगे बताया कि कुछ संक्रमित कैदियों ने बलिया के प्रसिद्ध ददरी मेले में टैटू बनवाए थे, जहां बिना कीटाणु वाली सुइयों का इस्तेमाल किया गया होगा, जिससे संक्रमण फैल सकता है.
इसके अलावा, कुछ कैदी नशे के आदी थे, जिन्होंने साझा सुइयों का इस्तेमाल करके नशीले पदार्थों का इंजेक्शन लगाया, जिससे उनमें HIV संक्रमण का खतरा बढ़ गया. वर्तमान में, सभी संक्रमित कैदी सख्त चिकित्सकीय निगरानी में हैं और जेल परिसर में ही ART ट्रीटमेंट प्राप्त कर रहे हैं. HIV/AIDS, एक जानलेवा बीमारी जिसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है.