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India Daily

Uttarakhand: 1 घंटे का सफर 5 मिनट में, 4.5 किलोमीटर लंबी बड़कोट-सिलक्यारा सुरंग का निर्माण लगभग पूरा

रोडिक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राज कुमार ने कहा, हमारा मानना ​​है कि यह सफलता सिर्फ निर्माण की उपलब्धि नहीं है. बल्कि यह सभी मौसमों में कनेक्टिविटी को मज़बूत करने, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र के समुदायों के लिए ज्यादा लचीले भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम है. हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और हमारे परियोजना भागीदारों को इस यात्रा के दौरान उनके भरोसे और सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.'

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Edited By: Reepu Kumari
The construction of the 4.5 km long Barkot-Silkyara tunnel is about to be completed.
Courtesy: Pinterest

Barkot Silkyara Bend Tunnel: इस सुरंग के बनने से धरासू और यमुनोत्री के बीच यात्रा का समय लगभग एक घंटे से घटकर मात्र पांच मिनट रह जाएगा. इसका उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा की उपस्थिति में किया गया. बरकोट-सिलक्यारा बेंड सुरंग, जो 4.531 किलोमीटर तक फैली है, एक दो-लेन वाली एकतरफा संरचना है जो धरासू और यमुनोत्री के बीच सभी मौसमों में संपर्क को बेहतर बनाएगी. यह सुरंग यात्रा के समय को लगभग एक घंटे से घटाकर केवल पाँच मिनट कर देगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा, साथ ही क्षेत्र के नाजुक वन पारिस्थितिकी तंत्र की भी रक्षा होगी.

इंजीनियरिंग फर्म रोडिक कंसल्टेंट्स ने निर्माण की देखरेख में अहम भूमिका निभाई. गुणवत्ता जांच और सुरक्षा उपायों से लेकर स्मार्ट तकनीकी समाधानों तक, रोडिक ने सुनिश्चित किया कि काम उच्चतम मानकों पर खरा उतरे.

  1. डिजिटल निरीक्षण अनुरोध (आरएफआई) प्रणाली
  2. सीमेंट और कंक्रीट के लिए ऑन-साइट प्रयोगशाला परीक्षण
  3. जनशक्ति और मशीनरी का स्मार्ट उपयोग

वास्तविक समय परियोजना डेटा प्रबंधन

रोडिक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राज कुमार ने कहा, हमारा मानना ​​है कि यह सफलता सिर्फ निर्माण की उपलब्धि नहीं है. बल्कि यह सभी मौसमों में कनेक्टिविटी को मज़बूत करने, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र के समुदायों के लिए ज्यादा लचीले भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम है. हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और हमारे परियोजना भागीदारों को इस यात्रा के दौरान उनके भरोसे और सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.'

आगे क्या होगा?

सुरंग का काम पूरा होने के साथ ही परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. जिसमें सड़क की सतह का काम और बिजली तथा यांत्रिक प्रणाली स्थापित करना शामिल है. पूरी तरह चालू होने के बाद, यह सुरंग पहाड़ी राज्य के लिए स्मार्ट बुनियादी ढांचे, टीमवर्क और उम्मीद का प्रतीक बन जाएगी.