Allahabad High Court On Rape Case: अल्लाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने बलात्कार के आरोपी निश्चल चांडक को जमानत देते हुए कहा कि ''पीड़िता ने खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया और वह इसके लिए स्वयं जिम्मेदार भी है.'' यह टिप्पणी न्यायिक फैसले की संवेदनशीलता और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है.
रेस्टोरेंट से फ्लैट तक का मामला
एफआईआर के मुताबिक, पीड़िता एक पीजी छात्रा थी और दिल्ली में रह रही थी. 21 सितंबर की रात वह अपने दोस्तों के साथ हौज खास के एक रेस्टोरेंट गई और देर रात तक शराब पी. जज के मुताबिक, नशे की हालत में वह खुद आरोपी के घर आराम करने गई और आरोप लगाया कि आरोपी उसे अपने रिश्तेदार के फ्लैट ले जाकर दो बार बलात्कार किया.
जज ने कहा - यह सहमति से संबंध का मामला हो सकता है
न्यायालय ने कहा कि इस मामले को बलात्कार के तौर पर नहीं देखा जा सकता, क्योंकि दोनों बालिग हैं और पीड़िता एमए की छात्रा है. जज ने अपने आदेश में कहा, ''अगर उसके आरोपों को सच भी मान लें, तो ये मामला सहमति से बने संबंध का हो सकता है.''
पहले भी आई थी विवादित टिप्पणी
बता दें कि यह मामला जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की उस टिप्पणी के कुछ हफ्तों बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने स्तन पकड़ने या पायजामे का नाड़ा तोड़ने को बलात्कार का प्रयास मानने से इनकार किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर नाराजगी जताई और कहा कि फैसले में ''संवेदनशीलता की कमी'' झलकती है. अदालत ने यूपी सरकार और केंद्र से जवाब भी मांगा है.