Campaign to Find Dangerous Dogs: केंद्र सरकार ने हाल ही में 23 खतरनाक नस्ल के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में सभी राज्यों के लिए भी गाइडलाइन भी जारी की गई हैं. उत्तर प्रदेश में भी इसको लेकर बड़ी कार्यवाही शुरू होने जा रही है. यूपी की राजधानी लखनऊ में पहली अप्रैल से नगर निगम घर-घर जाकर अभियान चलाएगा. इस अभियान में घरों में पाले जा रहे खतरनाक प्रजाति के कुत्तों को पकड़ा जाएगा. केंद्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग की ओर से जारी पत्र के बाद ये अभियान चलाया जा रहा है.
केंद्र की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबोएल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड कुत्ता, दक्षिण रूसी शेफर्ड कुत्ता, कोकेशियान शेफर्ड कुत्ता, टॉर्नजैक, सरप्लानिनैक, जापानी टोसा, मास्टिफ्स, रॉटवीलर, टेरियर्स, रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग्स, कैनरी डॉग्स, अकबाश, मॉस्को गार्ड और केन कोरो प्रजाति के कुत्ते अब बैन हैं.
लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों ने कहा है कि 1 अप्रैल से खतरनाक नस्लों के कुत्तों को पालने के लिए विभाग की ओर से कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रीडिंग सेंटरों पर ऐसे कुत्तों को रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों के पास पहले से लाइसेंस और नगर निगम में रजिस्ट्रेशन है वे इन नस्लों के कुत्तों को पाल सकते हैं. इसके साथ ही कुत्तों के मालिकों को उनकी नसबंदी और टीकाकरण नियमित रूप से करवाना होगा.
साथ ही समय-समय पर लाइसेंस भी रिन्यू कराना होगा. अधिकारियों ने कहा है कि अगर किसी घर में इन नस्लों की गर्भवती मादा है तो वो प्रजनन करा सकते हैं, लेकिन इसके बाद उन्हें मादा की नसबंदी करानी होगी.
लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने मीडिया को बताया है कि यदि अभियान के दौरान किसी व्यक्ति के पास बिना लाइसेंस के प्रतिबंधित नस्ल का कुत्ता पाया जाता है कि उसके खिलाफ 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही कुत्ते को जब्त कर लिया जाएगा.
आंकड़ों के अनुसार अकेले लखनऊ में खतरनाक नस्ल के कुत्तों की संख्या 400 है. जबकि इस साल लखनऊ नगर निगम की ओर से 5370 पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी किए गए थे. हालांकि इसमें ज्यादातर कुत्ते स्वदेशी नस्लों के हैं.