'जुमे की नमाज साल में 52 बार, होली एक बार': संभल सीओ के बयान पर क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ
योगी ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते करते हुए में बोलते हुए धार्मिक नेताओं का आभार जताया, जिन्होंने जुमे की नमाज दोपहर 2 बजे के बाद आयोजित करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि नमाज 2 बजे के बाद पढ़ी जा सकती है और जो लोग इससे पहले नमाज पढ़ना चाहते हैं, वे घर पर ऐसा कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संभल के एक पुलिस अधिकारी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज हर हफ्ते होती है. योगी ने कहा कि संभल के सर्किल ऑफिसर (CO) अनुज चौधरी ने यह बात भले ही "पहलवान" की तरह कही हो, लेकिन उनकी बात सही थी. यह बयान उस संदर्भ में आया जब इस साल होली शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जिसके चलते धार्मिक और सामाजिक समन्वय को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है.
योगी ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते करते हुए में बोलते हुए धार्मिक नेताओं का आभार जताया, जिन्होंने जुमे की नमाज दोपहर 2 बजे के बाद आयोजित करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि नमाज 2 बजे के बाद पढ़ी जा सकती है और जो लोग इससे पहले नमाज पढ़ना चाहते हैं, वे घर पर ऐसा कर सकते हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो लोग मस्जिद जाना चाहते हैं, उन्हें होली के रंगों से सावधान रहना चाहिए. योगी का यह बयान संभल में शांति बनाए रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जहां पिछले साल नवंबर में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली थी.
क्या बोले थे संभल सीओ
संभल के सीओ अनुज चौधरी ने अपने बयान में कहा था, "होली साल में एक बार आने वाला त्योहार है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है. अगर किसी को होली के रंगों से परेशानी है, तो वे उस दिन घर पर रहें." इस बयान पर विपक्षी समाजवादी पार्टी ने पुलिस अधिकारी पर बीजेपी के एजेंट होने का आरोप लगाया है. हालांकि, योगी ने इस विवाद को खारिज करते हुए सीओ के तर्क का समर्थन किया. इस साल होली और जुमे का एक ही दिन पड़ना संभल जैसे संवेदनशील इलाकों में प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है. पिछले साल नवंबर में संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासन किसी भी तरह के तनाव से बचना चाहता है. योगी के बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां वह सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.
महाकुंभ भगदड़ पर तोड़ी चुप्पी
कॉन्क्लेव में योगी ने महाकुंभ में हुई भगदड़ के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने सरकार पर मौतों को छिपाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता घायलों की मदद करना और मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना था. 29 जनवरी को हुई इस भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. योगी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद ही प्रशासन ने मीडिया को जानकारी दी.
उन्होंने महाकुंभ को एकता का शानदार उदाहरण बताते हुए कहा कि यह उन लोगों के लिए सबक है, जो इस आयोजन पर सवाल उठाते हैं. योगी के इस बयान से साफ है कि वह धार्मिक आयोजनों और सामाजिक समन्वय को लेकर अपनी सरकार की नीति को मजबूती से सामने रख रहे हैं. संभल में होली और जुमे के संयोग को लेकर उठे विवाद पर उनका रुख शांति और सहयोग पर केंद्रित दिखाई देता है.