'रामजीलाल सुमन की जीभ काटने वाले को देंगे 1 करोड़ का इनाम', मेरठ के शख्स का ऐलान, वीडियो आया सामने

सिरोही ने कहा कि रामजीलाल पर अब तक मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ. ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. इन्हें जेल भेजना चाहिए. हिंदू समाज रामजीलाल जैसे लोगों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा.

राज्यसभा से समाजवादी पार्टी सांसद रामजीलाल सुमन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राणा सांगा को लेकर दिए अपने बयान पर वो लगातार घिरते जा रहे हैं. मेरठ के एक शख्स ने एक वीडियो जारी कर सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह रामजीलाल सुमन की जीभ काटने वाले को 1 करोड़ का इनाम देगा.

मेरठ के रहने वाले सचिन सिरोही ने ऐलान किया है कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन की जीभ काटने वाले को एक करोड़ का इनाम दिया जाएगा.

इससे पहले सचिन मेरठ के नवाब रहे अबू मोहम्मद खान का मकबरा तोड़ने वाले को 50 लाख का इनाम देने का ऐलान कर चुका है. यही नहीं उसने संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र तोड़ने वाले को भी 1 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की थी. अपनी उग्र बयानबाजी के कारण सिरोही अक्सर विवादों में रहते हैं.

कौन है सचिन सिरोही
वीडियो में सचिन सिरोही ने खुल को अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संघठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया है. सिरोही ने कहा, 'रामजीलाल सुमन ने जिस तरीके से हमारे महापुरुषों को राणा सांगा का जिस तरह से अपमान किया है. ऐसे लोगों को जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने समाज के लिए लाखों लोगों के घाव अपने सीने पर लिए. उनके लिए कैसे कोई सदन में ऐसे बोल सकता है. ऐसे लोगों को सदन से निष्कासित कर देना चाहिए. ऐसे लोगों को सांसद बनने, जनप्रतिनिधि बनने का कोई अधिकार नहीं है.'

एफआईआर दर्ज होनी चाहिए
सिरोही ने कहा कि रामजीलाल पर अब तक मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ. ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. इन्हें जेल भेजना चाहिए. हिंदू समाज रामजीलाल जैसे लोगों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. मैं लोगों से अपील करता हूं कि एक भी हिंदू समाजवादी पार्टी को वोट न दे. ये लोग हिंदू वोटों से सांसद बन रहे हैं. रामजीलाल की जुबान काटने वाले को हम कम से कम एक करोड़ का इनाम देंगे.

क्या कहा था रामजीलाल ने
रामजीलाल ने संसद में अपने भाषण के दौरान कहा था कि राणा सांगा गद्दार थे. उन्होंने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया था. बता दें कि राणा सांगा ने 1508 से 1528 तक मेवाड़ पर शासन किया था.