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'कुछ अधिकारी हैं जो अंदर से हाथी, साइकिल, पंजा वाले हैं...', अपनी ही सरकार के बारे में ऐसा क्यों बोले संजय निषाद?

Sanjay Nishad on UP government: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत न मिल पाने का सबसे बड़ा कारण उत्तर प्रदेश को माना जा रहा है जहां पर पिछले 7 सालों से सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ही है. बीजेपी ने पिछले 2 लोकसभा चुनावों में यूपी में अच्छा प्रदर्शन किया था जिसके दम पर पार्टी ने ऐतिहासिक सीटें भी हासिल की लेकिन इस बार अच्छा प्रदर्शन न कर पाने की वजह से अब चीजें उलझती नजर आ रही हैं.

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Edited By: India Daily Live
Sanjay Nishad
Courtesy: IDL

Sanjay Nishad on UP government: लोकसभा चुनाव में मिली नाकामी के बाद अब यूपी में आदर्श मॉडल के रूप में देखे जाने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के ऊपर ही सवाल उठने लगे हैं. हैरानी की बात यह है कि यह सवाल बाहर से नहीं गठबंधन के अंदर से उठ रहे हैं. अब इस लिस्ट में यूपी में बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद भी शुमार हो गए हैं. 

योगी के मंत्री ने ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

संजय निषाद ने सीएम योगी की बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यूपी सरकार के मंत्री ने कहा,'जब आप बुलडोजर चलवाएंगे, लोगों के घर गिराएंगे, तो वो कहां से वोट देंगे, खासतौर से तब जब वो पार्टी के कार्यकर्ता भी हों.'

उल्लेखनीय है कि रविवार को लखनऊ में भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सबसे पहले योगी सरकार के मॉडल के खिलाफ मोर्चा खोला. इस बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही मिली हार का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ते हुए कहा कि संगठन सरकार से बड़ी है और संगठन से बड़ा कुछ भी नहीं, हमारे कार्यकर्ता हमारी शान है. 

अंदर से हाथी और साइकिल हैं अधिकारी

संजय निषाद ने उन्ही की बातों को आगे रखते हुए कहा कि एनडीए को चुनावों में प्रशासन की वजह से कई जगह नुकसान झेलना पड़ा है. संगठन सरकार से बड़ा है और ऐसे में आप सरकार हाथ में आने के बाद संगठन की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.

संजय निषाद ने कहा,'उत्तर प्रदेश में कई ऐसे प्रशासनिक अधिकारी हैं जो अंदर से 'हाथी और साइकिल' हैं तो कुछ ऐसे हैं जो हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्मान नहीं देते हैं, रंगबाज बने बैठे हैं. मौका आएगा तो ऐसे अधिकारियों को सबक मिलेगा, हमें कार्यकर्ताओं में नकारात्मक सोच पैदा होने से बचने के लिए कदम उठाने होंगे. अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगानी होगी, निषाद पार्टी और एनडीए गठबंधन को इसका नुकसान उठाना पड़ा है.'

कुकरैल में बने घरों को गिराने पर उठाए सवाल

संजय निषाद ने इस दौरान लखनऊ की कुकरैल नदी को फिर से जिंदा करने के लिए किनारों पर बनाए जाने वाले रिवरफ्रंट के लिए नदी के कैचमेंट एरिया पर बने घरों को गिराने के फैसले पर भी सवाल उठाया है. कोर्ट की ओर से इस जोन में बने घरों को अवैध बताए जाने के बाद सरकार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को बुलडोजर कार्रवाई करने का आदेश दिया और यहां बने घरों को गिराया जा रहा है.

इस पर भी सवाल खड़े करते हुए संजय निषाद ने कहा कि हाल ही में आपको चुनावों में मुश्किल का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद आप अगर ऐसे वक्त में बुलडोजर चलवाएंगे, लोगों के घर गिरवाएंगे, तो क्या लगता है कि आपको वोट मिलेगा?

चुनाव के बाद लगातार भिड़ रहे हैं अधिकारी 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की हार के बाद यूपी बीजेपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य में अधिकारियों के बेलगाम होने की शिकायत की थी. यूपी बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने लखनऊ पुलिस के एक सब इंसपेक्टर पर अपने और परिवार के साथ बदतमीजी करने का आरोप भी लगाया था. राकेश त्रिपाठी ने बताया था कि वो अपने परिवार के साथ श्रीनगर से छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे लेकिन रास्ते में ट्रैफिक पुलिस के सब इंसपेक्टर ने जबरदस्ती उनकी गाड़ी रोक कर तलाशी ली और परिचय बताने के बावजूद बदतमीजी की.

इसी तरह से अयोध्या में बीजेपी की समीक्षा बैठक के दौरान हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने तत्कालीन जिलाधिकारी नीतीश कुमार को फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार का दोषी बताया था जिस पर दोनों के बीच बहस हो गई थी. बाद में राजूदास से सुरक्षा गटा ली गई थी. ऐसे में जब यूपी में 10 विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं तो एक बार फिर से इन सभी मुद्दों ने सिर उठाना शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि निषाद पार्टी ने उपचुनावों में कम से कम 2 सीट पर लड़ने की मांग की है.