यूपी में ये क्या हुआ? हत्यारा 6 सालों तक मौज से करता रहा सरकारी नौकरी

अनूप के पिता चीफ इंजीनियर थे. उनकी मृत्यु के बाद 2018 में अनुकंपा पर नौकरी लगी थी. 13 अगस्त 2024 को, अनूप झांसी में अपने दफ्तर गया और एक दिन की छुट्टी के लिए आवेदन किया. अगले दिन अदालत ने उसे और तीन अन्य साथियों को हत्या के मामले में दोषी ठहरा दिया.

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यूपी से गजब मामला सामने आया है. एक हत्यारा 6 साल तक सरकारी नौकरी करता रहा और किसी को पता नहीं चला. अब जब इस मामले में खुलासा हुआ है तो पुलिस हरकत में आई है. पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस की किरकिरी हो रही है. सोशल मीडिया पर लोग इस मामले को लेकर सवाल उठा रहे हैं. 

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक 30 साल का आरोपी अनूप दुबे पर हत्या के आरोप में जल काट चुका है. अनूप 2013 में हत्या के मामले में चार महीने की जेल काट कर आया था. तब पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुआ हथियार भी बरामद किया था. अपने पाप को दुनिया से छिपाए रखा और सरकारी कर्मचारी का टैग बचा रहा. जब झांसी की कोर्ट ने उसे हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई तो इस मामले का खुलासा हुआ. 

अनुकंपा पर नौकरी लगी

अनूप के पिता चीफ इंजीनियर थे. उनकी मृत्यु के बाद 2018 में अनुकंपा पर नौकरी लगी थी. 13 अगस्त 2024 को, अनूप झांसी में अपने दफ्तर गया और एक दिन की छुट्टी के लिए आवेदन किया. अगले दिन अदालत ने उसे और तीन अन्य साथियों को हत्या के मामले में दोषी ठहराया. जब वह वापस नौकरी पर नहीं लौटा तब  विभाग ने जांच शुरू की. इसके बाद जो खुलासा हुआ उसने सबको हैरान कर दिया. 

वेरिफिकेशन और चरित्र प्रमाण पत्र कैसे जारी हो गया?

सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि अब वो ये पता लगाने के लिए जांच पड़ताल हो रही है कि अनूप का पुलिस वेरिफिकेशन और चरित्र प्रमाण पत्र कैसे जारी हो गया? जबकि उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा मई 2013 में दर्ज किया गया था. दरअसल, 2013 में नैनागढ़ के लाखन सिंह तोमर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बेटा देवेंद्र 14 मई को घर से चला गया और फिर वापस नहीं लौटा. 

दोस्त की हत्या कर शव को जलाया

पुलिस ने कहा कि लाखन को पता चला कि देवेन्द्र, झांसी के बबीना के पास अनूप दुबे, गौरव झा, कपिल शर्मा और आकाश के साथ शराब पी रहा था. जब लाखन ने उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने देवेन्द्र के अहंकारी बरताव के कारण उसकी हत्या करने की बात कबूल कर ली थी.  वो पिकनिक के बहाने देवेन्द्र को बहला-फुसलाकर बबीना ले गए और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और शव जला दिया. केस दर्ज हुआ और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अनूप को 6 महीने के बाद जमानत मिल गई.