मुसलमानों के कुंदरकी में 11 मुस्लिमों को हराकर चुनाव जीतने वाले रामवीर सिंह क्या बोले? बताया कैसे जीता मुसलमानों का दिल

उनकी यह जीत इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि योगी आदित्यनाथ अपनी हर एक रैली में मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को एकजुट करने के लिए 'कटेंगे तो बटेंगे' का नारा दे रहे थे. मुस्लिम बहुल होने के नाते कुंदरकी सीट बीजेपी और सपा के लिए नाक की लड़ाई बन गई थी.

Kundarki News: उत्तर प्रदेश के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवार रामवीर सिंह ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. यह जीत न केवल बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में उनकी जीत ने तमाम विपक्षी दलों को भी चौंका दिया कि आखिर उन्होंने कैसे इस समुदाय का विश्वास जीता. उनकी यह जीत इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि योगी आदित्यनाथ अपनी हर एक रैली में मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को एकजुट करने के लिए 'कटेंगे तो बटेंगे' का नारा दे रहे थे. मुस्लिम बहुल होने के नाते कुंदरकी सीट बीजेपी और सपा के लिए नाक की लड़ाई बन गई थी.  रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान को 1.44 लाख वोटों से हराया.  बीजेपी लगातार 1993 से इस सीट को हारती आ रही थी. 

अपनी जीत पर खुशी जताते हुए रामवीर सिंह ने कहा कि उन्होंने इस सीट पर अपनी पार्टी को जिताने का सपना देखा था लेकिन उनकी जीत इतनी शानदार होगी यह कभी नहीं सोचा था.

रामवीर ने बताया कैसे जीता मुसलमानों का दिल
कुंदरकी मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और जहां करीब 60 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं. उपचुनाव में 11 मुस्लिम मैदान में थे लेकिन रामवीर ने सभी को मात दे दी. 

रामवीर सिंह ने बताया कि जब यह सीट खाली हुई, तो सैकड़ों मुस्लिम मतदाताओं ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया. उनका कहना था, 'हमने आपको विधायक बनाना तय कर लिया है.' सिंह ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए चुनावी मैदान में कदम रखा. उन्होंने बताया कि यह जीत उनके कामों और संघर्षों की बदौलत संभव हुई, खासकर समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान मुस्लिमों की नाराजगी को ध्यान में रखते हुए.

सपा से नाखुश के मतदाता
रामवीर सिंह ने बताया, 'मुस्लिम समाज के लोग समाजवादी पार्टी से नाखुश थे क्योंकि 2012 से 2017 तक सपा शासन में लाखों लोगों पर केस दर्ज किए गए थे और हजारों को जेल में डाला गया था.' इस असंतोष का फायदा सिंह को मिला और उन्होंने चुनावी प्रचार के दौरान इसे प्रमुख मुद्दा बनाया. उनकी यह बात स्थानीय मुसलमानों के दिलों में घर कर गई, जिससे उन्हें व्यापक समर्थन मिला.

 मुस्लिम समुदाय का समर्थन
रामवीर सिंह ने दावा किया कि चुनाव से पहले उन्हें मुस्लिम समुदाय से व्यापक समर्थन मिला था. उन्होंने कहा, 'जब इस सीट के खाली होने की खबर आई, तो हजारों मुस्लिमों ने मुझसे संपर्क किया और मुझसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया.' यह स्पष्ट करता है कि मुसलमानों का दिल जीतने में सिंह ने व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

 चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया
रामवीर सिंह ने चुनावी नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी हार को छिपाने के लिए आरोप लगा रहे हैं. रिजवान ने चुनाव को निष्पक्ष नहीं बताया और आरोप लगाया कि चुनाव में बूथ कैप्चरिंग हुई. सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा, "अगर उन्हें लगता है कि चुनाव में धांधली हुई है तो वे फिर से चुनाव करवा सकते हैं, और उन्हें यह जानने का मौका मिलेगा कि उनकी असलियत क्या है."

 सपा के लिए यह हार एक सबक
कुंदरकी की यह हार समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने लंबे समय तक इस सीट पर कब्जा बनाए रखा था. 2002, 2012 और 2017 में सपा के रिजवान यहां विधायक बने थे. लेकिन इस बार भाजपा की जीत ने सपा के समर्थकों को एक बड़ा संदेश दिया है, जिससे पार्टी की स्थिति में बदलाव हो सकता है.

रामवीर बने नजीर
रामवीर सिंह की यह जीत एक उदाहरण बन गई है कि कैसे एक नेता अपनी नीतियों, संघर्षों और समुदायों के साथ संपर्क बनाए रखकर सत्ता हासिल कर सकता है. उन्होंने अपने कार्यों और मुसलमानों के प्रति अपनी संवेदनशीलता को मुख्यधारा राजनीति में लाकर एक मिसाल पेश की है.

आगे की राह
अब, जब रामवीर सिंह ने कुंदरकी विधानसभा से विजय प्राप्त की है, उनके लिए यह एक नया अवसर है. उनका कहना था कि उनकी जीत सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं है, बल्कि यह मुस्लिम समुदाय के विश्वास और समर्थन का परिणाम है. आगे, उन्हें अपने कार्यों के माध्यम से इस विश्वास को और मजबूत करना होगा.