'घर वापसी पर हर महीने 3000 रुपये, वसीम रिजवी ने मुस्लिमों को दिया बड़ा ऑफर

वसीम रिजवी का यह बयान समाज में चर्चा का विषय बन गया है. उनका यह कदम हिन्दू-मुस्लिम एकता और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है. हालांकि, इसे लेकर कई समाजशास्त्रियों और धार्मिक नेताओं के अलग-अलग विचार हैं.

Social Media

पूर्व शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने सनातन धर्म में मुसलमानों की घर वापसी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियों में उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि वे सनातन धर्म में वापसी पर विचार करें. इस संदर्भ में वसीम रिजवी ने बताया कि वह एक ऐसा संगठन बना रहे हैं, जो इस मुहिम को समर्थन देगा.

घर वापसी पर वसीम रिजवी का प्रस्ताव

वसीम रिजवी ने अपनी योजना का खुलासा करते हुए कहा, "मैं मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वह सनातन धर्म में घर वापसी के संबंध में विचार करें." इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि जो परिवार इस संगठन के जरिए सनातन धर्म में वापसी करेंगे, उन्हें हर महीने तीन हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. इस बयान के बाद वसीम रिजवी ने खुद को इस पहल का प्रवर्तक बताया और कहा कि वह इस उद्देश्य को लेकर गंभीर हैं.

वसीम रिजवी का नया संगठन

पूर्व शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने अपने संगठन की योजना को भी साझा किया, जिसमें मुसलमानों को सनातन धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. वसीम रिजवी ने बताया कि इस संगठन का उद्देश्य उन परिवारों को मदद करना है जो अपनी आस्था को बदलकर सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं.

जानिए कौन हैं वसीम रिजवी?

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रहे वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म कबूल कर लिया. धर्म बदलने के बाद उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. हालांकि, अब उन्होंने अपना नाम बदलकर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर कर लिया है.

हालांकि, वसीम रिजवी का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक साधारण परिवार में हुआ. उनकी बेहद कम उम्र में वसीम के पिता का निधन हो गया. वसीम रिजवी अपने सभी भाई-बहनों में बड़े थे इसलिए पिता के बाद सारी जिम्मेदारियां उन पर आ गईं. वसीम नैनीताल से पढ़ाई करने के बाद सऊदी अरब, जापान और अमेरिका में नौकरी की.