'जया बच्चन को गिरफ्तार किया जाना चाहिए', विश्व हिंदू संगठन ने सपा नेता की टिप्पणी पर क्यों की ऐसी मांग?
विश्व हिंदू परिषद ने भगदड़ के बाद शवों से कुंभ जल दूषित होने के कथित झूठे दावे के लिए सपा सांसद जया बच्चन की गिरफ्तारी की मांग की है. जया बच्चन ने आम श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की कमी और मशहूर हस्तियों को वीआईपी सुविधाएं दिए जाने की आलोचना की और योगी आदित्यनाथ प्रशासन पर निशाना साधा.
समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ में हुए भगदड़ के बाद एक विवादित बयान दिया था, जिस पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वीएचपी ने जया बच्चन के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग करते हुए उनके बयान को 'झूठा और भड़काऊ' बताया है.
विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया
वीएचपी के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने जया बच्चन के बयान को नकारात्मक और समाज में अफवाह फैलाने वाला करार दिया. उन्होंने कहा, "जया बच्चन को इस बयान के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उनका बयान पूरी तरह से झूठा और भ्रमित करने वाला है, जिससे समाज में असंतोष फैल रहा है."
शर्मा ने यह भी कहा कि महाकुंभ हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं. इस प्रकार के आयोजन में हर श्रद्धालु की भावनाएँ जुड़ी होती हैं, और ऐसे समय में किसी भी तरह का भड़काऊ बयान दिया जाना निंदनीय है.
जया बच्चन का बयान
जया बच्चन ने सोमवार को एक बयान में कहा था, "कुंभ के पानी में सबसे ज्यादा प्रदूषण है, क्योंकि वहां भगदड़ में मारे गए शवों को नदी में फेंक दिया गया है, जिससे पानी गंदा हो गया है." इस बयान के बाद से उनके खिलाफ तीव्र प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गईं.
उनका यह बयान महाकुंभ के आयोजन और श्रद्धालुओं की भावनाओं के खिलाफ माना गया. जया बच्चन ने यह भी सवाल उठाया कि कुंभ में आने वाले सामान्य लोगों को कोई विशेष व्यवस्था नहीं मिल रही थी और सरकार केवल बड़े लोगों को ही प्राथमिकता दे रही थी.
वीएचपी ने जया बच्चन के बयान को एक साजिश के रूप में देखा, जिससे महाकुंभ की गरिमा को ठेस पहुँचाई जा रही है. संगठन का कहना है कि महाकुंभ का आयोजन लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक कर्तव्य होता है, और इस प्रकार के बयान इस पवित्र आयोजन के महत्व को नकारते हैं.
वीएचपी के मुताबिक, जया बच्चन के बयान से महाकुंभ की छवि को नुकसान पहुंचा है और उनकी इस बयानबाजी के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार के बयान समाज में विघटन और गलतफहमियों का कारण बनते हैं, जो देश के सांप्रदायिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सवाल
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद से कई सांसदों और नेताओं ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि सरकार ने वीआईपी लोगों के लिए सुविधाओं का ध्यान रखा, लेकिन आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे.
इस भगदड़ के कारण 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, और यह घटना कई दिन तक मीडिया में सुर्खियों में रही. नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किए और महाकुंभ की सफलता को सिर्फ दिखावा किया.