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गैंगस्टर से नेता बने 3 नेताओं की पत्नियां फरार, क्यों पतियों के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचीं?

UP News: गैंगस्टर से राजनेता बने 3 नेताओं की पत्नियां फरार हैं. आलम ये कि तीनों नेताओं की पत्नियां अपने पतियों के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचीं. इनमें हालिया मामला मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार का है. इससे पहले अतीक और अशरफ अहमद के अंतिम संस्कार में उनकी पत्नियां भी नहीं पहुंचीं थीं.

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Edited By: India Daily Live
Uttar Pradesh gangster politicians

UP News: पांच बार के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी शनिवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं. बांदा जिला जेल में हार्ट अटैक के कारण मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी. मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं और उसके सिर पर 50,000 रुपये का इनाम भी है. मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार में सिर्फ पत्नी अफशा अंसारी ही नहीं, बल्कि कासगंज जेल में बंद उसका बड़ा बेटा अब्बास अंसारी भी शामिल नहीं हुआ था. अब्बास को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति के लिए शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक आवेदन दायर किया गया था, लेकिन याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी.

मुख्तार अंसारी के शव को एंबुलेंस से बांदा से लाने के बाद उनके गृहनगर गाज़ीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में दफनाया गया. उसके अंतिम संस्कार में उसका बेटा उमर अंसारी, भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई थी.

गैंगस्टर से नेता बने दो अन्य की पत्नियां भी अंतिम संस्कार में नहीं हुई थीं शामिल

इससे पहले पिछले साल अप्रैल में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद की हत्या के बाद अंतिम संस्कार में भी उनकी पत्नियां नहीं पहुंची थीं. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर जहां 50,000 रुपये का इनाम है, वहीं अशरफ की पत्नी ज़ैनब फातिमा पर अभी तक कोई इनाम घोषित नहीं किया गया है. जांच एजेंसियां ​​इन तीनों महिलाओं को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं. इन तीनों को उनके पतियों से जुड़े मामलों में साजिशकर्ता बताया गया है.

पिछले साल अप्रैल में, राज्य पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को चिट्ठी लिखकर अफशा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की मांग की थी. आशंका जताई थी कि वो देश से बाहर जा सकती है. 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अफशा, मुख्तार के बहनोई आतिफ रजा और अनवर शहजाद और अन्य द्वारा संचालित एक फर्म, विकास कंस्ट्रक्शन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

शाइस्ता और जैनब फातिमा की तलाश भी जारी

24 फरवरी, 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में एक वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस अंगरक्षकों की हत्या के मामले में पुलिस शाइस्ता (अतीक अहमद की पत्नी) और ज़ैनब फातिमा (अशरफ अहमद की पत्नी) की तलाश कर रही है. उमेश पाल, राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह थे, जिसमें अतीक और अशरफ मुख्य आरोपी थे. शुरुआत में शाइस्ता के सिर पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने ये राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी थी. पुलिस ने प्रयागराज के चकिया इलाके में स्थित उसके घर पर बुलडोजर भी चलाया था.

पिछले साल, पुलिस ने कथित तौर पर अतीक के सहयोगी जफर अहमद के घर पर भी बुलडोजर चलाया था, जहां कथित तौर पर शाइस्ता के रहने की खबर थी. वहीं, पुलिस ने कोर्ट से इजाजत लेने के बाद पिछले साल दिसंबर में जैनब फातिमा के घर की कुर्की कर ली थी. अतीक और अशरफ को पिछले साल 15 अप्रैल को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय एक अस्पताल के एंट्री गेट पर तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी.