UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (BSP) चीफ मायावती और समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने गठबंधन के टूटने के कारणों को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे.
मायावती ने दावा किया कि अखिलेश ने बसपा नेताओं के फोन कॉल का जवाब देना बंद कर दिया, जबकि सपा प्रमुख ने पलटवार करते हुए कहा कि मायावती ने गठबंधन खत्म करने के अपने फैसले के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी.
बसपा कार्यकर्ताओं के बीच बांटी जा रही एक बुकलेट के अनुसार, मायावती ने कहा कि यूपी में भाजपा को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की पिछली सभी गलतियों को भूलकर उन्हें गठबंधन बनाने का एक और मौका देने की बात कही. लेकिन इस चुनाव के नतीजों में बसपा को 10 और सपा को 5 सीटें मिलीं, जिसके कारण गठबंधन बनाए रखना तो दूर की बात थी, लेकिन अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख और पार्टी के सीनियर नेताओं के फोन उठाने बंद कर दिए. उन्होंने कहा कि इसके कारण पार्टी के सम्मान को बचाने के लिए हमें सपा से गठबंधन तोड़ना पड़ रहा है.
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 64 सीटें जीतीं, जबकि बसपा-सपा गठबंधन केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा. कांग्रेस को एक सीट मिली. हालांकि, 2024 के चुनावों में समाजवादी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और गठबंधन ने राज्य में 43 लोकसभा सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा ने 33 सीटें जीतीं और बसपा एक भी सीट हासिल करने में विफल रही.
बुकलेट में मायावती ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा के बीच हुए समझौते का उद्देश्य भाजपा को केंद्र में सत्ता में आने से रोकना था. इसमें ये भी कहा गया है कि हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव के नतीजों से इतने निराश थे, जिसमें बसपा ने 10 सीटें जीतीं और सपा ने पांच.
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि गठबंधन टूट रहा है. मायावती के आरोपों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब गठबंधन टूटा, तो मैं आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित कर रहा था और वहां सपा और बसपा दोनों के कार्यकर्ता मौजूद थे. किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि गठबंधन टूट रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने खुद (बसपा प्रमुख) से यह पूछने के लिए फोन किया था कि गठबंधन क्यों टूट रहा है? रैली के बाद मीडिया के सवालों के लिए खुद को तैयार करने के लिए मुझे जवाब चाहिए था.
बसपा के राज्य प्रमुख विश्वनाथ पाल के अनुसार, ये बुकलेट, जिसे 27 अगस्त को लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बसपा कार्यकर्ताओं के बीच बांटा गया था, उसका उद्देश्य पार्टी के समर्थकों को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की विचारधारा और रणनीति को समझने में मदद करना है.