UP News: बागपत में 6 साल की यूकेजी की छात्रा एक दरिंदे की चंगुल से उस वक्त बाल-बाल बच गई, जब आरोपी मासूम को दुष्कर्म की मंशा से उठा ले गया था. आरोपी जहां वारदात को अंजाम देने वाला था, वहां अचानक बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया, जिसकी वजह से आरोपी वहां से भाग निकला और बच्ची की जान बच गई. पुलिस ने रविवार को बताया कि उसके माता-पिता की शिकायत के बाद, अज्ञात आरोपी पर पोक्सो अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया. फिलहाल, आरोपी फरार है और उसकी तलाश की जा रही है.
लड़की के माता-पिता ने दावा किया कि शनिवार को एक व्यक्ति उनकी बच्ची को बहला-फुसलाकर एक सुनसान घर में ले गया, जहां उसने बच्ची के साथ गलत हरकतें करने की कोशिश की. इसी दौरान वहां मौजूद बंदरों के झुंड ने अचानक आरोपी को देख हमला कर दिया. बंदरों का हमला देख आरोपी घटनास्थल से भाग गया और बच्ची की जान बच गई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल से किसी तरह बच्ची घर पहुंची और माता-पिता को आपबीती बताई. उसने माता-पिता को बताया कि कैसे बंदरों ने उसे आरोपी के चंगुल से बचा लिया. मासूम के पिता ने पुलिस को बताया कि मेरी बेटी बाहर खेल रही थी जब आरोपी उसे उठाकर ले गया.
उधर, पुलिस जब जांच पड़ताल के लिए पहुंची, तो पास के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी दिखा, जो बच्ची के साथ एक संकरी गली में चल रहा था. हालांकि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे आरोपी की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है. आरोपी ने वारदात को अंजाम देने की कोशिश के दौरान मासूम को जान से मारने की धमकी भी दी. मासूम के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि अगर बंदरों के झुंड ने हमला नहीं किया होता, तो मेरी बेटी अब तक मर चुकी होती.
बागपत के सर्किल ऑफिसर हरीश भदौरिया ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमने बंदरों से जुड़ी घटना के बारे में सुना है और मामले की जांच कर रहे हैं. माता-पिता की शिकायत के बाद, बीएनएस की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 76 (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और पोक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. जरूरत पड़ने पर और धाराएं जोड़ी जाएंगी. हम आरोपी की पहचान करने और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं.