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UP में 'बुलडोजर बाबा' के नाम से मशहूर CM योगी नेपाल में क्यों कर रहे हैं ट्रेंड, भगवा कनेक्शन या फिर कुछ और?

UP CM Yogi Adityanath Trending in Nepal: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पड़ोसी देश नेपाल में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
UP CM Yogi Adityanath trending in Nepal Gyanendra Shah Return Yogi Poster
Courtesy: Social Media

UP CM Yogi Adityanath Trending in Nepal: नेपाल में एक राजनीतिक हलचल देखने को मिली है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें प्रमुखता से उभर कर सामने आई हैं. यह घटना नेपाल के काठमांडू में 10 मार्च को आयोजित एक रैली के दौरान हुई, जो नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत के लिए आयोजित की गई थी. इस रैली में, योगी आदित्यनाथ की विशाल तस्वीरें प्रदर्शित की गईं. सवाल उठता है, इसके पीछे की वजह क्या है? क्या यह भगवा कनेक्शन है या फिर कुछ और?

नेपाल की रैली में दिखे UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर

योगी आदित्यनाथ ने नेपाल के राजतंत्र को लेकर हमेशा अपना समर्थन जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि नेपाल के इतिहास में राजतंत्र का महत्वपूर्ण स्थान है. योगी आदित्यनाथ की यह बयानबाजी नेपाल में कुछ लोगों के लिए एक प्रतीक बन गई है, जो नेपाल में फिर से राजतंत्र की बहाली के पक्षधर हैं.

10 मार्च को काठमांडू में आयोजित एक रैली के दौरान, जिसमें नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में नारेबाजी हो रही थी, वहां योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी दिखाईं गईं. यह रैली नेपाल में राजतंत्र की बहाली की मांग को लेकर थी, जो 2008 में जनता के आंदोलन के बाद समाप्त कर दी गई थी. रैली में कुछ समर्थक योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें और पूर्व राजा की तस्वीरों के साथ नारेबाजी कर रहे थे.

UP CM Yogi Adityanath trending in Nepal Gyanendra Shah Return Yogi Poster
नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की रैली में UP के CM योगी आदित्यनाथ के पोस्टर दिखे.

सोशल मीडिया पर छाए CM योगी

योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को रैली में शामिल करने के बाद नेपाल के कई राजनीतिक दलों ने इस पर विरोध जताया. कुछ नेताओं का कहना था कि यह भारतीय हस्तक्षेप का संकेत हो सकता है. खासकर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली की सरकार के विरोधियों ने इसे राजनीतिक खेल के रूप में देखा. वहीं, कुछ लोगों ने इसे नेपाल के अंदरूनी मामलों में विदेशी प्रभाव के रूप में भी पेश किया.

राष्ट्रवादी प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र शाही ने आरोप लगाया कि यह तस्वीरें जानबूझकर रैली में शामिल की गई थीं, ताकि नेपाल में राजतंत्र की बहाली के आंदोलन को बदनाम किया जा सके. शाही ने यह दावा किया कि प्रधानमंत्री के.पी. ओली के सलाहकार विष्णु रिमाल के कहने पर ये तस्वीरें रैली में शामिल की गईं.