हाई प्रोफाइल होगा UP का उपचुनाव, योगी, केशव, शिवपाल, अखिलेश सबकी प्रतिष्ठा दांव पर, समझिए कहां, कैसा है मुकाबला?
UP Bypolls: यूपी की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए बिसात बिछने की शुरुआत हो गई है. सपा ने अपने दिग्गज नेताओं को कुछ सीटों का प्रभारी बनाया है. वहीं, सीएम योगी खुद ज्यादातर सीटों का जिम्मा संभाल रहे हैं. कांग्रेस ने भी सभी 10 सीटों के लिए प्रभारी नियुक्त करके माहौल को और रोचक बना दिया है. इस बार सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सांसदों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है.
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है. एक तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी साख बचाने के लिए अपने कुनबे को जोड़े रखने की कोशिशें कर रही है. इस बीच सपा और कांग्रेस ने जिस स्तर पर लामबंदी शुरू की है उससे यह साफ हो गया है कि इस बार ये उपचुनाव बेहद करीबी हो सकते हैं. सपा ने अपने दिग्गज नेताओं शिवपाल यादव, अवधेश प्रसाद और इंद्रजीत सरोज को प्रभारी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने अपने सांसदों इमरान मसूद, राकेश राठौर, तनुज पुनिया और किशोरी लाल शर्मा को जिम्मेदारी देकर यह जता दिया है कि वह किस मूड से चुनाव में उतर रही है.
उत्तर प्रदेश की इन 10 विधानसभा सीटों में से 9 के विधायक अब सांसद बन गए हैं. एक सीट यानी कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा के विधायक इरफान सोलंकी को 6 साल की सजा हो जाने के बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी. अभी तक इन सीटों के लिए चुनाव का ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक दलों की सक्रियता अभी से बढ़ गई है. चर्चाएं हैं कि सितंबर से नवंबर के बीच में ये चुनाव कराए जाते हैं. ऐसे में कोई भी पार्टी आखिर वक्त में आधी-अधूरी तैयारी के साथ चुनाव में नहीं जाना चाहती है.
सपा और कांग्रेस इस तरह से घेराबंदी करके यह संदेश देना चाहती हैं कि उनका लोकसभा चुनाव वाला जलवा बरकरार है. वहीं, बीजेपी अगर इन तीन सीटों में से एक भी हारती है तो सीधे सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा पर आंच आएगी. जो चार सीटें सपा के कब्जे में थीं वे उसके मजबूत किलों में शुमार रही हैं, ऐसे में अगर वह अपनी इन सीटों को बरकरार रखते हुए एक या दो सीटें भी अतिरिक्त जीत जाती है तो इसे इंडिया गठबंधन की जीत माना जाएगा और बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.
किस सीट पर कौन था विधायक?
कटेहरी- लालजी वर्मा (सपा)
करहल- अखिलेश यादव (सपा)
मिल्कीपुर- अवधेश प्रसाद (सपा)
मीरापुर- चंदन चौहान (RLD)
गाजियाबाद- अतुल गर्ग (बीजेपी)
मझावां- विनोद बिंद (निषाद पार्टी)
खैर- अनूप सिंह (बीजेपी)
फूलपुर- प्रवीण पटेल (बीजेपी)
कुंदरकी- जियाउर रहमान बर्क (सपा)
सीसामऊ- इरफान सोलंकी (सपा)