योगी की आंधी में पंचर हुई अखिलेश की साइकिल, भगवा लहर में वोट पाने को तरस गए 'बुआ' के प्रत्याशी

UP By Election Result: यूपी के 9 सीटों पर हुए उपविधानसभ चुनाव के नतीजों आ चुके हैं. 7 सीटों पर बीजपी गठबंधन ने बाजी मारी तो सीटों पर सपा ने. योगी के आगे मायावती का जादू नहीं चल पाए. उनके प्रत्याशी वोट पाने को तरस गए.

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Gyanendra Tiwari

UP By Election Result:  उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने प्रदेश की राजनीति में नया संदेश दिया है. इस चुनाव में जहां भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं सपा और बसपा के लिए यह बड़ा झटका साबित हुआ. भाजपा ने न केवल अपने पुराने किले बचाए, बल्कि सपा के गढ़ों में भी सेंध लगाई. दूसरी ओर, बसपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा.

साइकिल की रफ्तार पर कमल ने लगाई ब्रेक

इस उपचुनाव में सपा को करहल और सीसामऊ सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. करहल से तेज प्रताप यादव और सीसामऊ से नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की. हालांकि, भाजपा ने सपा के गढ़ माने जाने वाले कटेहरी और कुंदरकी सीटों पर कब्जा जमाकर राजनीतिक समीकरणों को पलट दिया.

गाजियाबाद, खैर, मझवां, और फूलपुर सीटों पर भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत रखी. वहीं, मीरापुर सीट, जो पहले रालोद के पास थी, इस बार भी भाजपा और रालोद के गठबंधन के खाते में गई.

कौन कहां से जीता

  1. सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा की नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की. 
  2. कुंदरकी विधानसभा सीट पर जो सपा का गढ़ माना जाता है यहां बीजेपी के ठाकुर रामवीर सिंह को जीत मिली. 
  3. करहल से सपा के तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल की. 
  4. कटेहरी से भाजपा के धर्मराज निषाद ने जीत का परचम लहराया. 
  5. गाजियाबाद से बीजेपी के संजीव शर्मा ने जीत हासिल की. 
  6. खैर से बीजेपी के सुरंद्र दिलेर ने बाजी मारी. 
  7. मीरापुर से रालोद की मिथलेश पाल ने सपा की सुम्बुल राणा को हराया. 
  8. फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के दीपक पटेल ने सपा के मुज्तबा सिद्दकी को मात दी. 
  9. माझवां से बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य ने जीत हासिल की. उन्होंने सपा की डॉ. ज्योति बिंद को हराया. 

बसपा के लिए खतरे की घंटी

बसपा का प्रदर्शन इस बार बेहद खराब रहा. नौ सीटों पर बसपा को कुल 1,32,929 वोट मिले, जो पार्टी के घटते प्रभाव को दर्शाते हैं. कई सीटों पर तो बसपा प्रत्याशी हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए.

कुंदरकी सीट: बसपा प्रत्याशी रफातुल्ला को मात्र 1,099 वोट मिले.
सीसामऊ सीट: बसपा को सिर्फ 1,410 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भाजपा को हराया.
खैर सीट: बसपा प्रत्याशी को 13,365 वोट ही मिल सके.
गाजियाबाद सीट: यहां बसपा का वोट शेयर मात्र 10,736 तक सिमट गया.

बसपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जिन दलित और अल्पसंख्यक वोटों पर पार्टी का भरोसा था, वे अब अन्य विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का उभार मायावती के लिए खतरे की घंटी बन गया है.

सपा के मजबूत गढ़ में बीजेपी ने लगाई सेंध

सपा के लिए यह उपचुनाव एक बड़ा झटका साबित हुआ. पार्टी अपने गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में भी परचम नहीं लहरा पाई. करहल और सीसामऊ में जीत के बावजूद, सपा कटेहरी और कुंदरकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भाजपा के आगे कमजोर पड़ गई. सपा के प्रदर्शन से यह साफ हुआ कि पार्टी अपने कोर वोट बैंक को भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं रख पाई है.

भाजपा की जीत का राज

भाजपा ने इस उपचुनाव में मजबूत संगठन और सटीक रणनीति का परिचय दिया. पार्टी ने हर क्षेत्र में जातीय और सामाजिक समीकरणों को बारीकी से साधा.

सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से बचाव: भाजपा ने इन चुनावों में धार्मिक मुद्दों के बजाय विकास और संगठन को प्राथमिकता दी.
सहयोगियों का प्रभाव: रालोद और भाजपा के गठबंधन ने मीरापुर जैसे क्षेत्रों में जीत को सुनिश्चित किया.
वोट बंटवारा: सपा और बसपा के बीच मुस्लिम और दलित वोटों का बंटवारा हुआ, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिला.

उपचुनाव में बाजी मारकर योगी ने बचाई अपनी साख

इस उपचुनाव के नतीजे यूपी की राजनीति के बदलते स्वरूप को दर्शाते हैं. भाजपा ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि वह न केवल हिंदू वोट बैंक को संगठित रखने में सक्षम है, बल्कि जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने में भी माहिर है. वहीं, सपा और बसपा के कमजोर प्रदर्शन ने उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.