Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच में फैली सांप्रदायिक हिंसा के बीच सियासी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और सांसद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उनके अनुसार, इस बार मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी भारी जीत दर्ज करेगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि सपा के उम्मीदवार को 50,000 से अधिक वोटों से जीत मिलेगी, जो आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करेगी.
बहराइच में रविवार शाम से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा सोमवार सुबह तक विकराल रूप ले चुकी थी. हिंदू संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए और स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. यह हिंसा राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद भड़की, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बड़े स्तर पर प्रयास किए, जिसमें हल्का बल प्रयोग भी शामिल रहा. कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, लेकिन आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार होती रहीं. कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ, जिससे हालात और भी बिगड़ गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
इस सांप्रदायिक तनाव के बीच, सपा नेता अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "भाजपा ने पिछले एक महीने से अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं को मिल्कीपुर में तैनात कर रखा है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. समाजवादी पार्टी यहां बहुत मजबूत है और इस बार हम ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे."
सपा ने मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के बेटे को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, और पार्टी का मानना है कि यह जीत न केवल मिल्कीपुर में, बल्कि राज्य भर में पार्टी की पकड़ को मजबूत करेगी. सपा सांसद ने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि इस चुनाव में हमें 50,000 से 60,000 वोटों से जीत मिलेगी, जो न केवल इस उपचुनाव में हमारी सफलता होगी, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों में भी हमारी राह आसान करेगी.”
अवधेश प्रसाद ने अपने बयान में भाजपा की रणनीतियों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल चुनावी प्रचार और कार्यकर्ताओं की तैनाती से कुछ हासिल नहीं कर पाएगी. "लोगों में सपा के प्रति विश्वास है और भाजपा की नीतियों से जनता नाराज है," उन्होंने कहा.
सपा का यह दावा पार्टी के आत्मविश्वास को दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब उपचुनावों में हर सीट की अहमियत बढ़ जाती है. यह भी कहा जा रहा है कि सपा की यह जीत 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी के लिए एक नई दिशा तय कर सकती है.
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव, पूरे राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुकाबला माना जा रहा है. यह सीट सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, और दोनों ही पार्टियां इसे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं. सपा के आत्मविश्वास और भाजपा के कड़े मुकाबले के बीच, इस चुनाव का परिणाम उत्तर प्रदेश की राजनीति के भविष्य के लिए एक दिशा तय करेगा.
बहराइच में जारी सांप्रदायिक हिंसा के बीच, सपा नेता अवधेश प्रसाद का यह दावा सपा की मजबूती को दर्शाता है. मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा की जीत से भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है. अब यह देखना बाकी है कि यह चुनावी मुकाबला किस दिशा में जाता है, लेकिन एक बात साफ है कि सपा इस सीट को जीतने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त है.