menu-icon
India Daily

शादी की तारीख नजदीक आते ही ICU में भर्ती हुआ पिता, तो बेटियों ने खास अंदाज में पूरी की इच्छा, वायरल हुआ इमोशनल वीडियो

Unique Wedding in Lucknow hospital: लखनऊ चौक के रहने वाले मोहम्मद इकबाल अपनी बेटियों की शादी की तारीखें नजदीक आते ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हो गए. परिवार के लिए यह बेहद मुश्किल भरा वक्त था, एक तरफ बेटियों की शादी और दूसरी तरफ पिता की खराब तबीयत. इस मुश्किल परिस्थिति में परिवार ने एक भावुक फैसला किया.

auth-image
Edited By: India Daily Live
A_heartwarming_and_unconventio
Courtesy: AI Generated Image

Unique Wedding in Lucknow hospital: लखनऊ चौक के रहने वाले मोहम्मद इकबाल खुशी-खुशी अपनी बेटियों की शादी की तैयारियों में जुटे थे. शहनाई की गूंज और मेहमानों की हलचल का ख्याल उनके चेहरे पर एक अलग चमक ला रहा था. मगर, खुशियों का ये सिलसिला अचानक थम गया.

बेटियों की शादी की तारीखें नजदीक आते ही इकबाल की तबीयत बिगड़ गई. जांच के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में रखा.

पिता की तबियत हुई खराब तो बेटिंयों ने लिया अनोखा फैसला

परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. एक तरफ बेटियों की शादी की खुशियां, दूसरी तरफ इकबाल की बिगड़ती तबीयत. इस मुश्किल दौर में बेटियों और पूरे परिवार ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसने सबको भावुक कर दिया. उन्होंने इकबाल की सेहत को ध्यान में रखते हुए, उनके सामने ही निकाह कराने का फैसला किया.

ये फैसला आसान नहीं था. अस्पताल के सख्त नियमों और मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, इंतजाम करना चुनौतीपूर्ण था. मगर, इकबाल की बेटियों की जिंदगी के इस खास मौके पर उनका आशीर्वाद लेना सभी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी था.  इरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी परिवार के इस जज्बे को सलाम किया और हरसंभव मदद की. अस्पताल प्रशासन से अनुमति लेकर आईसीयू में ही सफाई और साज-सजावट का खास इंतजाम किया गया. एक मौलाना को बुलाया गया और सारी रस्मों को ध्यान में रखते हुए आईसीयू के अंदर ही निकाह संपन्न कराया गया.

अस्पताल में ही कराया निकाह

ये पल वाकई बेहद भावुक कर देने वाले थे. एक तरफ बेटियों की खुशी थी तो दूसरी तरफ इकबाल की कमजोर हालत. मगर, बेटियों को अपने निकाह में पिता का आशीर्वाद मिल गया था. ये वो खुशी थी जो किसी और चीज से हासिल नहीं की जा सकती थी. इकबाल की आंखों में खुशी के आंसू थे, बेटियों के हाथों में मेहंदी की खुशबू थी और पूरे माहौल में एक अजीब सी पवित्रता थी. शायद इस तरह की शादी का गवाह बनने के लिए ही किस्मत ने इकबाल को अस्पताल के बिस्तर पर सुलाया था.

निकाह के बाद बेटियों की शादी की बाकी रस्में बाद में करने का फैसला किया गया. फिलहाल, परिवार की पूरी उम्मीद और दुआएं इकबाल के जल्दी स्वस्थ होने पर टिकी हुई हैं. ये कहानी सिर्फ एक निकाह की नहीं बल्कि परिवारिक रिश्तों की मजबूती और प्यार की ताकत को बयां करती है. ये वो बंधन हैं जो मुश्किलों में भी टूटते नहीं हैं, बल्कि और मजबूत हो जाते हैं.