जन्म-जन्म का साथ निभाने की कसमें खाने वाली ने नेत्रहीन पति से छुटकारा पाने और उसकी सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर उसकी जान ले ली. मृतक की पहचान नरेंद्र के रूप में हुई है. यह दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से सामने आई है.
सरकारी नौकरी के लालच में पति को सुलाया मौत की नींद
पूरा मामला जानी थाना इलाके का है. सिविल लाइन थाने के सूरजकुंड का रहने वाला नेत्रहीन नरेंद्र चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था. नेत्रहीन पति को धोखा देते हुए उसकी पत्नी पूनम धीरज के मोहपाश में फंस गई और फिर धीरज के साथ मिलकर उसने अपने पति ही हत्या की साजिश रची ताकि उसकी सरकारी नौकरी पा सके.
सीसीटीवी फुटेज ने कर दिया राजफाश
धीरज के साथ मिलकर उसने अपने पति नरेंद्र की हत्या करवा दी. 22 अप्रैल को सिसौला गांव के रजवाहे के पास नरेंद्र की लाश मिली. पुलिस जांच में पता चला कि नरेंद्र पशु चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था. लाश मिलने के बाद पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किये तो पूरे मामले का राजफाश हो गया.
सीसीटीवी फुटेज में तीन लोग नरेंद्र को ई रिक्शा में ले जाते कैद हो गए. वैसे तो पुलिस को शुरू से ही नरेंद्र की पत्नी पूनम पर शक था लेकिन जब पुलिस ने पूनम की कॉल डिटेल खंगाली तो शक यकीन में बदल गया.
80 हजार रुपए में तय हुआ था सौदा
सख्ती से पूछताछ करने पर पूनम ने तोते की तरह सब कुछ पुलिस के सामने उगल दिया. पूनम ने पुलिस को बताया कि उसने अपने प्रेमी धीरज के साथ मिलकर नरेंद्र की हत्या की साजिश रची थी. वहीं धीरज ने पुलिस को बताया कि नरेंद्र की हत्या के लिए उसने 80 हजार रुपए में अमनदीप और चांद से सौदा किया था. तीनों ई रिक्शा से नरेंद्र को सिसौला के रजवाहे पर ले गए और वहां उसे शराब पिलाकर उसे रजवाहे के पानी में डुबोकर मार डाला और फिर उसकी लाश को रजवाहे के किनारे फेंक दिया ताकि ऐसा लगे कि नरेंद्र ने सुसाइड किया है.
पुलिस ने गिरफ्तार किए चारों आरोपी
पुलिस ने नरेंद्र के चारों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले का खुलासा करते हुए एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि पूनम नरेंद्र की हत्या इसलिए कराना चाहती थी ताकि पति की मौत के बाद सरकारी नौकरी उसे मिल जाए और वो प्रेमी धीरज से शादी कर ले। जानी थाना पुलिस ने चारों हत्यारोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.