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India Daily

46 साल बाद खुले संभल के इस मंदिर के दरवाजे, अब कुएं के अंदर से मिल रही खंडित मूर्ति

संभल में 46 सालों बाद एक शिव मंदिर को फिर से खोला गया. मंदिर खोलने के बाद वहां के कुए में लगभग 20 फीट तक की खुदाई की गई. जहां से खंडित मूर्ति मिले हैं.

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Edited By: Shanu Sharma
Sambhal Shiv Temple
Courtesy: Social Media

Sambhal Shiv Temple: उत्तर प्रदेश के संभल में शुक्रवार को 500 साल पुराने मंदिर को वापस खोला गया था. इस मंदिर का दरवाजा 46 साल बाद बाद खुला था, 1978 में शहर में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इसे बंद कर दिया गया था. मंदिर खुलने के बाद अब वहां स्थित कुएं की भी खुदाई की गई है. मिल रही जानकारी के मुताबिक मंदिर परिसर में लगभग 20 फीट तक खुदाई की जा चुकी है. जिसमें से खंडित मूर्ति मिली है. 

यह खंडित मूर्ति भगवान शिव और माता पार्वती जी का बताया जा रहा है. हालांकि अभी भी खुदाई जारी है. इस दौरान और भी काफी कुछ सबूत मिल सकते हैं. मंदिर में जांच-पड़ताल और खुदाई के काम के कारण परिसर के आस-पास पुलिस की तैनाती की गई है. 

दंगे के बाद से बंद पड़ा था मंदिर

यह प्राचीन मंदिर शाही जामा मस्जिद के पास अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान अधिकारियों के संज्ञान में आया. निरीक्षण के दौरान मंदिर के अंदर हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग पाए गए थे. स्थानीय लोगों का दावा है कि शंकर मंदिर 1978 के दंगों के बाद से बंद पड़ा था.वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इस घटना के दौरान इलाके के हिंदू समुदाय को विस्थापित होना पड़ा था. जिसके बाद अब मंदिर को फिर से भक्तों के लिए खोल दिया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबकि यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है.जो कि  जामा मस्जिद से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है.

ASI को लिखा पत्र

इस अभियान की अगुवाई कर रहीं एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान इस मंदिर के बारे में पता चला. जिसके बाद जिला अधिकारियों द्वारा कार्बन डेटिंग कराने की तैयारी की जा रही है. जिसके लिए अधिकारियों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखा है. जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि ये मंदिर आखिर कितनी पुरानी है.

इस मंदिर के खुलने से लोगों में खुशी की लहर है. लोगों का मानना है कि ये कार्तिक महादेव का मंदिर है, जहां का कुआं अृमत कूप है. इस स्थल की गंभीरता को समझते हुए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत किसी भी विवादित धार्मिक स्थल के सर्वेक्षण या स्वामित्व पर सुनवाई करने से अदालतों को रोका है.