उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में 28 अगस्त को डाकुओं ने दिनदहाड़े ऐसे आतंक मचाया था, जिसकी सूबेभर में खूब चर्चा हुई थी. डाकुओं ने दिनदहाड़े ही एक दुकान से करोड़ों के गहने लूट ले गए थे. मंगेश यादव सर्राफा की दुकान पर हुए इस हमले के आरोपियों को पुलिस कई दिनों से ढूंढ रही थी, अब पुलिस की तलाश पूरी हो गई है. गुरुवार की सुबह इस वारदात का मास्टरमाइंड एक एनकाउंटर में ढेर हो गया है.
देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर पुलिस और आरोपी के बीच हुई मुठभेड़ में एक बदमाश मारा गया है. वह एक लाख का इनामी बदमाश था. पुलिस मुठभेड़ में उसका एक साथी फरार हो गया है.
एसटीएफ के पुलिस अपाधीक्षक डीके शाही की टीम सड़क से गुजर रही थी. पुलिस के मुताबिक मंगेश यादव, अचानक जौनपुर पुलिस पर गोलियां बरसाने लगा. पुलिस टीम ने अपने बचाव में गोली चलाई जो मंगेश को लग गई. मंगेश गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके पास से पुलिस ने 31 बोर का एक पिस्तौल, 315 बोर तमंचा, बाइक और कुछ गहने बरामद किए हैं. वह इलाके का वांछित अपराधी था.
पुलिस ने खुद एनकाउंट की डीटेल्स शेयर की है. पुलिस ने कहा है कि 28 अगस्त को ही सुल्तानपुर में एक सर्राफा दुकान में डकैती हुई थी. जानकारी मिली की बदमाश सुल्तानपुर से जौनपुर भाग रहे हैं, उन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई में मंगेश यादव मारा गया. अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया. अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गई और जात देखकर जान ली गई.
अखिलेश यादव ने कहा, 'जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए. सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है, उससे उबरने में बहुत समय लगता है. व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे.'
अखिलेश यादव ने कहा, 'नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है. भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है. जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है. घोर निंदनीय!'
अखिलेश यादव ने ऐसे वक्त में ट्वीट किया है, जब उसी आरोपी पर दर्जनों केस पहले से दर्ज हैं. उनके ट्वीट पर भी लोग लिख रहे हैं कि सपा गुंडों का बचाव करती है.