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India Daily

रामपुर में आवारा कुत्तों का आतंक, 5 साल के मासूम को नोंच-नोंचकर मार डाला

रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक एक गंभीर समस्या बन चुका है. प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना होगा और लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने होंगे. कुत्तों के प्रबंधन में देरी से लोगों की जान खतरे में पड़ रही है, और इसे प्राथमिकता के आधार पर हल करने की जरूरत है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
stray dogs in rampur  hacked a 5 year old child to death

रामपुर में आवारा कुत्तों के आतंक से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. हाल ही में एक दर्दनाक घटना में पांच वर्षीय अबुजर को कुत्तों के झुंड ने हमला कर नोच-नोचकर मार डाला. इस घटना ने पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है.

मासूम पर कुत्तों का हमला, खेत में हुआ हादसा

घटना उस समय हुई जब अबुजर अपने पिता रिफाकत अली के पीछे-पीछे खेत की ओर चला गया. पिता को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनका बेटा उनके पीछे है. इसी दौरान रास्ते में आवारा कुत्तों के झुंड ने मासूम पर हमला बोल दिया. चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंचे और कुत्तों को भगाने में कामयाब हुए.  गंभीर रूप से घायल अबुजर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया.

गांवों में कुत्तों का खौफ
रामपुर के कई इलाकों में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक ने लोगों की सामान्य दिनचर्या को प्रभावित किया है. बच्चे और बुजुर्ग अकेले बाहर निकलने से डरते हैं.  इसी क्षेत्र में पहले भी कई बच्चों की मौत हो चुकी है.

नगर क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या
रामपुर के मोहल्ला पक्का बाग, पुराना गंज, बिलासपुर गेट, मछली बाजार, और तोपखाना जैसे इलाकों में कुत्तों के झुंड आम बात हो गए हैं. स्थानीय लोग बार-बार नगर पालिका से कुत्तों को पकड़ने की मांग करते हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा. अधिशासी अधिकारी के अनुसार, कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए टेंडर जारी किए गए थे लेकिन संबंधित एजेंसी अनुबंध पूरा नहीं कर पाई.

टांडा में भी बढ़ा हुआ है खतरा
रामपुर के टांडा इलाके में भी आवारा कुत्तों का खौफ कायम है. पिछले हादसे: टांडा में कुत्तों के हमले से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. एक बच्ची की मौत दिल्ली में इलाज के दौरान हुई, जबकि एक अन्य बच्चा स्थानीय घटना का शिकार हो गया.
स्थानीय प्रशासन का बयान: ईओ पुनीत कुमार का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी.
घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए स्थानीय लोग कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. सरकार और स्थानीय निकायों को सुनिश्चित करना होगा कि कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. कुत्तों के आतंक को समाप्त करने के लिए जल्द से जल्द नई योजना बनाई जाए.