Raja Bhaiya Akhilesh Yadav: कड़वाहट के बाद कबूल है दोस्ती! राजा भैया और अखिलेश के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने की कहानी
Raja Bhaiya Akhilesh Yadav: यूपी में राज्यसभा की आठवीं पर जीत पक्की करने को लेकर सपा और बीजेपी सियासी जोड़तोड़ में जुटे हुए है. बीते दिनों सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष और कुंडा विधायक राजा भैया से मुलाकात की थी. उसके बाद सीएम योगी और राजा भैया की मुलाकात हुई है. जिसको लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है.
Rajya Sabha Elections 2024: राजा भैया इन दिनों यूपी की सियासत के केंद्र में हैं. सपा-कांग्रेस का गठबंधन फाइनल होने के बाद अब चर्चा सपा और जनसत्ता दल के गठबंधन की तेज है. उम्मीद जताई जा जल्द ही सियासी तस्वीर साफ होने के बाद अखिलेश यादव और राजा भैया एक मंच पर नजर आ सकते है. सियासत के लिहाज से राजा भैया की सपा से नजदीकियां अनायास नहीं है, उसके पीछे राजनीतिक मकसद छिपे हुए है. दोस्ती का हाथ दोनों बड़े नेताओं की ओर से बढ़ाया गया है. जो मौजूदा सियासी हालात के मद्देनजर दोनों पार्टियों के लिए मुफिद साबित हो सकती है.
2019 राज्यसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और राजा भैया के बीच मनुटाव के बाद अब रिश्तों में नरमी के संकेत मिलने लगे है. बीते दिनों अखिलेश यादव का दूत बनकर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष और कुंडा विधायक राजा भैया से मुलाकात की थी. इस दौरान नरेश उत्तम पटेल ने राज्यसभा चुनाव में राजा भैया का समर्थन मांगा. उत्तर प्रदेश विधानसभा में राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी से सिर्फ दो विधायक हैं. इनमें से खुद एक विधायक राजा भैया भी हैं. ऐसे में सपा की कोशिश राजा भैया को साधते हुए अपने राज्यसभा उम्मीदवार की जीत पक्की करने की है.
रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघलने की कहानी
राजा भैया और अखिलेश के बीच पुल का काम शिवपाल यादव और राजा भैया के करीबी साथी रहे अरविंद सिंह गोप ने निभाई है. अरविंद सिंह गोप की समझाइस के बाद अखिलेश यादव राजा से बातचीत करने को तैयार हुए. अखिलेश ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को राजा भैया से बातचीत के लिए भेजा. इस दौरान अखिलेश और राजा भैया की फोन पर बातचीत हुई. जिसमें राजा से सपा के साथ अपने पुराने संबंधों का हवाला दिया तो वहीं अखिलेश ने भी पुरानी बातों को भुलकर आगे बढ़ने के संकेत दिये. इस बातचीत में तय हुआ कि रघुराज प्रताप सिंह राज्यसभा चुनाव में सपा का समर्थन करेंगे और बदले में उन्हें गठबंधन के तहत प्रतापगढ़ और कौशांबी की दो सीटें दी जा सकती है. अखिलेश से रिश्ते तल्ख होने के बावजूद राजा भैया समय-समय पर मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करते रहे वहीं शिवपाल यादव से उनके बेहतर संबंध हमेशा सियासी चर्चाओं के केंद्र में रहे.
एक सांसद चुनने के लिए 37 विधायकों की जरूरत
यूपी 10 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी की 7 और सपा की तीन सीटों पर जीत तय मानी जा रही थी. इसी बीच बीजेपी ने 8वां उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारकर जंग को रोचक बना दिया है. सपा को तीन सीटें जीतने के लिए 111 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए होंगे. हर पार्टी को अपना एक सांसद चुनने के लिए कम से कम 37 विधायकों के मत की जरूरत है.
सपा उम्मीदवार की जीत का क्या है समीकरण
सपा के 108 विधायक हैं. सपा की सहयोगी दल अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने कहा है कि हम सपा के किसी उम्मीदवार को वोट नहीं देगे. वहीं सपा के दो विधायक जेल में हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर 105 हो जाती हैं. वहीं कांग्रेस के दो विधायकऔर एक विधायक बसपा का है. ऐसे में सपा का संख्याबल कांग्रेस और बसपा विधायकों को मिलाकर 109 पहुंचती है. वहीं राजा भैया की पार्टी और आरएलडी के कुछ विधायकों को अगर सपा को समर्थन मिलता है तो उसके पास प्रथम वरीयता के 111 वोट हो जाएंगे और उसका उम्मीदवार जीत सकता है.
राज्यसभा चुनाव में सियासी जोड़तोड़ का खुला खेल
चर्चा है कि समाजवादी पार्टी जेल में बंद विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोट देने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा ले रही है. कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी और आजमगढ़ से विधायक रमाकांत यादव फिलहाल जेल में बंद हैं, जबकि सुहेलदेव पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गए अब्बास अंसारी कानूनी प्रक्रिया के तहत जेल से सपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाल सकते है. सूत्रों का दावा है कि राजा भैया के संपर्क में चार विधायक हैं, जिसमें दो उनकी पार्टी और दो अन्य पार्टियों के हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव में सियासी जोड़तोड़ देखने को मिल सकती है.
आठवें उम्मीदवार को जीत दिलाना बीजेपी के लिए चुनौती
बीजेपी के सामने चुनौती आठवें उम्मीदवार के जीत दिलाने की है. इसके लिए बीजेपी को अतिरिक्त 10 वोटों की जरूरत है. जिसके लिए पार्टी के नेता जोड़तोड़ की रणनीति में जुट गए है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और मंत्री जेपीएस राठौर ने राजा भैया से मुलाकात की और राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा है. बीजेपी की कोशिश राजा भैया को साधते हुए राज्यसभा में जीत आसान करने की है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष से पहले राजा भैया और सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई. इन दोनों नेताओं के बीच राज्यसभा चुनाव के साथ तमाम चुनावी मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है. ऐसे में राजा का क्या अगला कदम होगा. यह देखने वाली बात होगी.