Ghaziabad Election Result 2024: यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने झंडा गाड़ दिया है. 9 में से 7 सीटे बीजेपी गठबंधन ने जीती तो 2 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की. गाजियाबाद शहर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत की हैट्रिक पूरी कर ली. भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जबकि हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की पत्नी पूनम चौधरी को करारी हार का सामना करना पड़ा. यह उपचुनाव 14 प्रत्याशियों के बीच लड़ा गया, लेकिन नतीजे ने भाजपा की ताकत और विपक्ष की कमजोरी को उजागर कर दिया.
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से भाजपा के संजीव शर्मा ने 96,946 वोटों के साथ समाजवादी पार्टी के सिंह राज जाटव को 69,351 वोटों के बड़े अंतर से हराया. यह भाजपा की इस सीट पर लगातार तीसरी जीत है. संजीव शर्मा, जो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे, ने अपनी प्रभावी रणनीति और पार्टी की लोकप्रियता के दम पर विपक्ष को शिकस्त दी.
हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी, जो अपने विवादास्पद बयानों और मुस्लिम विरोधी हिंसक गतिविधियों के लिए चर्चा में रहते हैं, की पत्नी पूनम चौधरी इस उपचुनाव में छठे स्थान पर रहीं. उन्हें महज 3,676 वोट मिले, जो कुल वोटों का एक छोटा हिस्सा था.
सपा के सिंह राज जाटव को 27,595 वोट मिले, जबकि बसपा के परमानंद गर्ग 10,736 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. नोटा पर भी 792 वोट पड़े, लेकिन 12 अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
पूनम चौधरी की हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि पिंकी चौधरी का विवादास्पद अतीत और कट्टर हिंदुत्ववादी छवि मतदाताओं को लुभाने में विफल रही. उनकी उम्मीदवारी ने भाजपा और अन्य प्रमुख दलों के सामने कोई चुनौती पेश नहीं की.
मजबूत संगठन और प्रचार रणनीति: भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत किया और मतदाताओं के बीच अपने विकास कार्यों का संदेश पहुंचाया. संजीव शर्मा ने पार्टी की नीतियों और स्थानीय मुद्दों को केंद्र में रखकर मतदाताओं को साधा.
विपक्ष की कमजोरी: सपा और बसपा जैसे प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के सामने कोई ठोस चुनौती पेश करने में विफल रहे. खासकर सपा के सिंह राज जाटव और बसपा के परमानंद गर्ग ने अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन किया.
भाजपा ने गाजियाबाद शहर में बुनियादी ढांचे के विकास, यातायात प्रबंधन और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया. यह रणनीति मतदाताओं को रास आई.