Sangam Of Love: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में, गंगा और यमुना के संगम स्थल पर एक विशेष सांस्कृतिक मिलन हुआ. रविवार को, एक ग्रीक महिला पेनलोपे ने अपने भारतीय साथी सिद्धार्थ के साथ विवाह किया, और यह शादी महाकुंभ के भव्य आयोजन के दौरान हुई. इस विवाह में भारतीय और ग्रीक संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला. पेनलोपे और सिद्धार्थ ने अपनी शादी को एक बहुत ही दिव्य और आध्यात्मिक तरीके से करने का निर्णय लिया. पेनलोपे ने इस अद्भुत मौके को चुनने के लिए महाकुंभ को सबसे उपयुक्त स्थान माना. उनका मानना था कि यहां की पवित्रता और दिव्यता के बीच उनकी शादी होना एक अद्भुत अनुभव है.
सिद्धार्थ ने कहा, "हम जानते हैं कि इस समय हमारे लिए यह स्थान पूरी दुनिया नहीं, बल्कि पूरी ब्रह्मांड में सबसे श्रेष्ठ है, जहां सभी प्रकार की दिव्यता और तीर्थस्थल हैं. यहां महान आत्माओं से मिलते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं."
पेनलोपे ने भारतीय विवाह पर अपने अनुभव को 'शब्दों से परे जादुई' बताया. उनका कहना था कि उन्होंने कभी भी भारतीय विवाह नहीं देखा था, लेकिन जब वह स्वयं दुल्हन बनीं, तो उन्हें वह अनुभव अविस्मरणीय लगा.
विवाह के दौरान 'कन्यादान' की रस्म स्वामी यतिंद्रानंद गिरी, जो जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं, द्वारा की गई. इसके अलावा, पेनलोपे की मां और अन्य रिश्तेदार भी इस पवित्र रस्म में शामिल हुए.
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— Jagbani (@JagbaniOnline) January 27, 2025
सिद्धार्थ ने विवाह के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शादी एक पवित्र संस्था है, जिसे लोग आजकल भूलते जा रहे हैं. "हमारी सभ्यता एक बहुत पुरानी सभ्यता है, और सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है, जो पूरी दुनिया के लिए एक प्राचीन खिड़की की तरह है. इस प्रकार की परंपराओं को फॉलो करना कोई बुरी बात नहीं है," सिद्धार्थ ने कहा.
पेनलोपे ने कहा कि सिद्धार्थ ने उनसे पूछा था कि क्या वह ग्रीस में शादी करना चाहेंगी या भारत में, और उन्होंने खुशी से भारत को चुना. उनका मानना था कि इस शादी का अनुभव अधिक "दिव्य और आध्यात्मिक" था, जबकि अन्य जगहों पर शादियां सिर्फ एक पार्टी और शराब पीने का अवसर बन चुकी हैं.
उन्होंने कहा, "वास्तव में, जब उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कहां शादी करना चाहूंगी, तो मुझे खुशी हुई कि मैंने भारत में शादी करने का विकल्प चुना. यह एक अलग दृष्टिकोण था, जो बहुत ही आध्यात्मिक था."