Sambhal Violence: संभल में हुई हिंसा पूरे भारत में चर्चा में बनी हुई है. हिंसा के कुछ दिन बाद अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. बाजार में दुकानें खुल गई हैं, लेकिन मस्जिद के पास की दुकानें अभी भी बंद हैं. शाही जामा मस्जिद से अपील की गई है कि लोग जुम्मे की नमाज घरों के पास की मस्जिदों में पढ़ें और जामा मस्जिद पर ज्यादा भीड़ न लगाएं. मस्जिद ने यह भी कहा कि लोग अपने काम पर लौटें और दुकानें खोलें.
वहीं, पुलिस का उपद्रवियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. अब तक पुलिस ने 28 लोगों को गिरफ्तार किया है और 200 उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की हैं. पुलिस ने सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान की है और उनके पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगवाने की योजना बनाई है. साथ ही, हिंसा में शामिल लोगों से नुकसान की भरपाई भी की जाएगी.
संभल हिंसा मामले में जिला प्रशासन और पुलिस ने यूपी सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा कैसे शुरू हुई थी और बाद में हालात पर कैसे काबू पाया गया. इसके साथ ही, हिंसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने अब तक जो भी कार्रवाई की है, वह भी इस रिपोर्ट में शामिल की गई है.
इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पुलिस ने अब तक 100 पत्थरबाजों की पहचान की है और 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने इस मामले में कुल 12 FIR दर्ज की हैं, जिनमें 14 साल के किशोर से लेकर 72 साल तक के आरोपी शामिल हैं. एक FIR में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर भी आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने लोगों को उकसाया था.