Sambhal Riots: संभल में हुए सांप्रदायिक दंगे पिछले साल काफी सुर्खियों में रहा. इस मामले में अब उत्तर प्रदेश पुलिस की SIT टीम ने हिंसा से जुड़े 6 मामलों में गुरुवार को कुल 4,400 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. यह सभी मामले संभल में 24 नवंबर को हुए हिंसा से जुड़ा हुआ है.
इस मामले की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे हिंसा को संभल की मूल निवासी शारिक साठा द्वारा रची गई थी. जिनके बारे में माना जाता है कि वो अभी यूएई में है. उनके इस साजिश के परिणामस्वरूप पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
यूपी पुलिस और जिला के सरकारी वकील हरिओम प्रकाश ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की अदालत में आरोपपत्र पेश किए. इस आरोप पत्र में कुल 79 आरोपियों के नाम लिखे गए हैं. जिसमें से कई अभी भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत जेल में सजा काट रहे हैं. वहीं साठा की बात करें तो उसका नाम इस तरह के अपराधों में पहली बार नहीं आया है.
इससे पहले वह पूरे दिल्ली-एनसीआर में 300 से अधिक वाहन चुराने वाला कार चोर गिरोह चलाता था. इतना ही नहीं उसका नाम दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान की आईएसआई से भी जुड़ा हुआ है. साठा के बारे में पुलिस का कहना है कि उसने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर के देश छोड़ दिया. पुलिस का कहना है कि पूरे जांच के दौरान उन्हें कई सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि संभल एक सोची-समझी साजिश थी.
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस इस जांच के दौरान संभल के खाताधारकों को असामान्य धन ट्रांसफर और हिंसा स्थलों पर विदेशी कारतूस पाए जाने से जुड़ा भी सबूत मिला है. यूपी पुलिस के जांच रिपोर्ट के मुताबिक साठा संगठन के लोग ही हिंसा में हुए गोलीबारी के जिम्मेदार ठहराए गए हैं. हिंसा में घायल हुए कई लोगों में से पांच लोगों की मौत हो गई. हालांकि पांचवे पीड़ित के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. इस पूरे हिंसा से जुड़े 12 मामलों की जांच एसआईटी टीम कर रही है.