Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर) को तनाव की स्थिति पैदा हो गई. सुबह के समय पथराव और वाहनों में आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसके कारण चार लोगों की मौत हो गई. यह सब उस समय हुआ जब शाही जामा मस्जिद का दूसरा सर्वे करने के लिए प्रशासन की एक टीम चंदौसी पहुंची थी. इस सर्वे का आदेश एक स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि 1526 में मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त किया गया था.
शाही जामा मस्जिद का दूसरा सर्वे के दौरान पुलिस ने हिंसा रोकने की कोशिश की तो हिंसा और भड़क गई और पथराव शुरू हो गया है. इस हिंसा में एसडीएम, सीओ, एसपी के पीआरओ, पुलिसकर्मी समेत 24 लोग घायल हो गए. पुलिस के मुताबिक, जिन लोगों ने पथराव किया, उनके बीच अफवाह फैल गई थी कि सर्वे करने आई टीम ने मस्जिद के वजूखाने से पानी निकालकर वहां खुदाई की है. इसके वजह से वे गुस्से में आ गए और हिंसा भड़क गई.
Uttar Pradesh is healing.
— Incognito (@Incognito_qfs) November 24, 2024
India is healing.
The world is healing.
Thanks to UP Police. 🥰 pic.twitter.com/voZdPzAC7P
पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए वहां लाठी चार्ज शुरू कर दिया. इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस हिंसा को कैसे रोक रहे हैं. इस वीडियो को @Incognito_qfs नाम के यूजर ने अपने अकाउंट पर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है,'उत्तर प्रदेश ठीक हो रहा है.भारत ठीक हो रहा है. दुनिया ठीक हो रही है. यूपी पुलिस को धन्यवाद.'
रविवार को हुए बवाल के बाद प्रशासन ने संभल तहसील क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, ताकि अफवाहें न फैल सके. अफवाहों का बड़ा असर होता है और वे स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं. प्रशासन के इस कदम के बाद बीएसएनएल और कुछ निजी कंपनियों की इंटरनेट सेवा देर शाम से ही बंद कर दी गई थी. सोमवार सुबह लोगों को उम्मीद थी कि इंटरनेट सेवा फिर से चालू हो जाएगी, लेकिन दिनभर इंटरनेट सेवा बंद रही.