सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही मस्जिद के सर्वे के आदेश को रोकने के लिए दाखिल की गई याचिया पर सुनवाई की. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इस मामले में हाई कोर्ट जाएं. इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिए कि वो मामले की सुनवाई होने तक इस मामले में
कोई कार्रवाई नहीं करे.
सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को देखते जिला प्रशासन को भी इलाके में शांति कायम करने के लिए निर्देश दिए. आप जानते हैं कि संभल के कई इलाकों में मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा हुई है. इसमें अब तक 4 लोगों की मौत की खबर हैं.
Supreme Court orders the trial court to not proceed with the case till the Shahi Idgah committee of Sambhal mosque moves the High Court. pic.twitter.com/TEURMPTGq4
— ANI (@ANI) November 29, 2024
हाईकोर्ट जाए जामा मस्जिद समिति-SC
सुप्रीम कोर्ट ने जामा मस्जिद समिति से कहा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट जाए. सुप्रीम कोर्ट में याचिका मुगलकालीन मस्जिद की देखरेख करने वाली प्रबंधन समिति द्वारा दायर की गई थी. उनका कहना था कि ट्रायल कोर्ट के सर्वे के फैसले पर रोक लगाई जाए. वहीं हिंदु पक्ष का दावा है कि इस शाही मस्जिद को एक हिंदू मंदिर नष्ट करके बनाया गया था.
हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क्या कहा?
संभल विवाद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने सुनवाई के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा है. कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. इस मामले में ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर सीमित समय तक रोक है.
#WATCH | On the Sambhal dispute case,
— ANI (@ANI) November 29, 2024
Vishnu Shankar Jain representing the Hindu side says, "Supreme Court said that peace and harmony should be maintained in Sambhal. SC has passed an order directing the Masjid Committee to approach the High Court and challenge the order of the… pic.twitter.com/nIpuNOAKg0
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने की. याचिका में कहा गया कि ये मस्जिद 16वीं शताब्दी से अस्तित्व में थी और मुसलमानों द्वारा पूजा स्थल के रूप में इसका निरंतर उपयोग किया जाता रहा है. ट्रायल कोर्ट में आठ वादियों द्वारा मुकदमा दायर किए जाने के बाद मामले को जल्दबाजी में निपटाया गया. वहीं हिंदू पक्ष का दावा है कि श्री हरि हर मंदिर को नष्ट करने के बाद इस मस्जिद को बनाया गया था.