Rajya Sabha Election 2024: एक फोन और सीएम योगी से 35 मिनट की बातचीत, जानें कैसे राज्यसभा में सपा से खेल गई BJP
Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले हुए राज्यसभा चुनाव ने सपा को एक के बाद एक कई झटके दिए हैं. मनोज पांडे का इस्तीफा, फिर सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग और अपना दल (के) से विवाद हो गया है.
Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल (कमेरावादी) के बीच फूट पड़ती नजर आ रही है, क्योंकि सूत्रों ने बताया है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और अपना दल (के) प्रमुख पल्लवी पटेल मंगलवार के बीच फोन पर को राज्यसभा की वोटिंग को लेकर तीखी बहस हो गई है. सूत्र ने कहा कि अखिलेश यादव ने पल्लवी पटेल को फोन पर कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान उनके वोट की जरूरत नहीं है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए विधायक और नेता मनोज कुमार पांडे ने समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया था. मनोज पांडे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विधानसभा में उनके कक्ष में मुलाकात की. इस बैठक के दौरान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी मौजूद रहे. सपा विधायक मनोज कुमार पांडे जब उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मिलने जा रहे थे, तो उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी प्रमुख से मुख्य सचेतक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है.
सपा विधायक मनोज पांडे को लेकर योगी के मंत्री ने कही बड़ा बात
सपा विधायक से मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सपा विधायक सनातन धर्म के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नीतियों और देश में हो रहे विकास से प्रभावित होकर कई जन प्रतिनिधि बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. मनोज पांडे हमेशा से सनातन धर्म के समर्थक रहे हैं. वह इस मुद्दे पर सदन के अंदर और बाहर एक जैसा बयान देते रहे हैं. इसीलिए वह सपा में नाखुश थे और जब राम जी के दर्शन का प्रस्ताव आया, तो वह चाहते थे कि सभी लोग दर्शन के लिए जाएं.
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के एक अन्य विधायक राकेश प्रताप सिंह ने यह कहते हुए पार्टी के खिलाफ वोट करने का संकेत दिया था कि वह अपनी पार्टी से नाराज नहीं हैं, लेकिन वोट डालने से पहले अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे. समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि मैं किसी से नाराज नहीं हूं, अंतरात्मा की आवाज पर वोट करूंगा. इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यसभा चुनाव के लिए अपना वोट डालने के बाद लखनऊ में मतदान केंद्र से बाहर निकले. सीएम योगी वोट डालने के बाद विक्ट्री साइन दिखा रहे थे.
सपा के कई विधायकों ने खुलेआम किया था ऐलान
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी चुनाव में अपना वोट डाला. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया था कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग होगी और भाजपा के उम्मीदवार आठों सीटें जीतेंगे. राजभर ने कहा था कि भाजपा के 8 उम्मीदवार जीतने जा रहे हैं. उधर, राजा भैया और हमारे सभी सहयोगी भाजपा के समर्थन में हैं. समाजवादी पार्टी के नेता खुलेआम भाजपा को वोट देने के लिए सहमत हैं.
अखिलेश यादव बोले- भाजपा ने हमारे विधायकों को लालच दिया
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया था कि राज्यसभा चुनाव में सपा को तीन सीटें जीतने की उम्मीद है, जहां पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है, सपा के तीनों उम्मीदवार जीतेंगे. भाजपा चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना सकती है. हमारे कुछ नेता जो व्यक्तिगत लाभ चाहते हैं, वे भाजपा में जा सकते हैं. सपा प्रमुख ने ये भी कहा था कि हमारे जो विधायक भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं. उन्हें भाजपा से लालच दिया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए बीजेपी ने आठ और समाजवादी पार्टी ने 3 राज्यसभा उम्मीदवार उतारे हैं. विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को 7 और एसपी को 3 सीटें मिलनी थी. सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से आयोजित रात्रिभोज से सपा के कम से कम 8 विधायक गायब थे. तभी से कयास था कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग होगी.
ऐसे हुआ यूपी में खेल, देखती रह गई सपा
ये कहानी शुरू हुई थी सपा की डिनर पार्टी से. यहां सपा के 8 विधायक नही पहुंचे थे. इसी बीच मनोज पांडे का इस्तीफा सबसे ज्यादा चौंकाने वाला था. हालांकि मनोज स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर अखिलेश से नाराज चल रहे थे. योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह ने मनोज पांडे की सीएम योगी से फोन पर बात कराई. सूत्रों का कहना है कि मनोज पांडे को रायबरेली से लोकसभा प्रत्याशी या फिर मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री भी बनाया जा सकता है. उधर, अतीह अहमद कांड के बाद पूजा पाल लगातार भाजपा के संपर्क में थीं. वहीं गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी भी गैर हाजिर हो गई थीं.