Prayagraj Woman Cyber Fraud: एक महिला से साइबर अपराधियों ने 1.48 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए साइबर ठगों का जाल विदेशों तक फैला है. पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगों ने महिला को वीडियो कॉल कर धमकाया और तीन दिनों तक डिजिटली हाउस अरेस्ट में रखा. आरोपियों ने महिला से कहा था कि तुमने ताइवान से ड्रग्स मंगवाया है और इस संबंध में जांच पड़ताल चल रही है. अगर तुम्हें गिरफ्तारी से बचना है, तो फिर पैसे देने होंगे. इस तरह ठगों ने महिला से 1.48 करोड़ की ठगी कर ली.
पीड़िता काकोली दास गुप्ता, रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर की पत्नी बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि उनके पति की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है. अब वे अकेली घर में रहती हैं. उनकी एक बेटी है, जो विदेश में रहती है. ठगी की शिकार होने के बाद महिला ने जार्जटाउन थाने में शिकायत दर्ज कराई. महिला की शिकायत के मुताबिक, 23 अप्रैल को उनके पास वीडियो कॉल आया. वीडियो कॉल करने वाले शख्स ने खुद को DCP बताया और कहा कि तुम्हारे पास ताइवान से एक अवैध पार्सल आया है. इसमें 200 ग्राम MDMA (मेथिलीनडाइऑक्सी-एन-मेथामफेटामाइन), 5 लैपटॉप, 3 क्रेडिट कार्ड है. इस मामले की जांच चल रही है और तुम्हें जांच पूरी होने तक हमारा सहयोग करना होगा. इसके बाद कॉल करने वाले शख्स ने महिला के बैंक अकाउंट की डिटेल मांगी.
महिला के मुताबिक, वीडियो कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि वो फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर कंपनी से बात कर रहा है. उसने बताया कि आपके घर पर विदेश से गलत पार्सल आया है. आपके खिलाफ जांच पड़ताल हो रही है. आपके पूरे बैंक अकाउंट की जांच होगी. आपको हमारी निगरानी में रहना होगा. कुछ समय के लिए आपको बैंक अकाउंट के सारे रूपये को हमारे सरकारी अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा.
महिला के मुताबिक, शख्स ने इसके बाद कॉल को साइबर क्राइम की मुंबई मेन ब्रांच ट्रांसफर कर दी. इसके बाद एक शख्स पुलिस की वर्दी में वीडियो कॉल किया और खुद को DCP क्राइम ब्रांच का अफसर बताया. फिर महिला को डिजिटली साइन करने को कहा और उसके बैंक अकाउंट में मौजूद सारी रकम को सरकारी बैंक अकाउंट बताकर ट्रांसफर करा लिया.
पीड़िता ने बताया कि वीडियो कॉल करने वाले ने कहा कि जांच पूरी होने तक आपका घर से निकलना बंद है. अगर आप कहीं जाती हैं या इस जांच के बारे में किसी को भी बताती हैं, तो आपकी गिरफ्तारी तय है. इस डर से महिला ने किसी को इस पूरे मामले की जानकारी नहीं दी. इन तीन दिनों में साइबर ठगों ने 1.45 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. महिला को जब ठगे जाने का अहसास हुआ तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों, परिचितों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. फिर मामले की शिकायत पुलिस से की गई. इसके बाद DCP सिटी दीपक भूकर, SCP श्वेताभ पांडेय, साइबर क्राइम थाना इंचार्ज राजीव तिवारी जांच पड़ताल में जुटे.
पुलिस के मुताबिक, ठगी की जानकारी के बाद सबसे पहले जिस अकाउंट में रकम ट्रांसफर किया गया था, उसकी जांच पड़ताल की गई. पता चला कि ये अकाउंट संधु इंटरप्राइजेज के नाम से है. इसका एड्रेस शाहजहांपुर है. पुलिस इस एड्रेस पर पहुंची और जांच पड़ताल करने लगी. पता चला कि संधु इंटरप्राइजेज का लिंक अमरपाल नाम के शख्स से है, जो पुआया गांव का रहने वाला है. पुलिस जब अमरपाल के घर पहुंची तो वहां ताला लगा मिला. फिर अमरपाल के मोबाइल की डिटेल निकाली गई और पुलिस मिथिलेश नाम के शख्स तक पहुंची.
मिथिलेश को पकड़ने के बाद ठगी के पूरे मामले का खुलासा हो गया. इसके बाद अमरपाल और ठगी में शामिल अन्य आरोपी भी दबोच लिए गए. इंस्पेक्टर राजीव तिवारी के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया कि गैंग के सरगना ने नेपाल, थाईलैंड और बैंकाक में गुर्गे रखे हैं. ये किसी शख्स को लालच देकर उसके बैंक अकाउंट का यूज करते हैं. पूछताछ में सामने आया कि साइबर ठग अपने शिकार के मोबाइल में एपीके फाइल भेजते थे और उसे डाउनलोड कराते थे. फिर फोन का रिमोट एक्सेस ले लेते थे. फिर ठगी का पूरा खेल शुरू होता था.