Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जिसमें बताया जा रहा है कि एक 35 वर्षीय महिला ने अपनी बिल्ली की मौत के सदमे को नहीं सह पाई और अपनी बिल्ली की मौत के बाद उसने खुदकुशी कर ली. यह घटना हसनपुर कस्बे के रहरा रोड पर शिव मंदिर के पास का बताया जा रहा है. जिसमें पालतू जानवर की मौत के सदमे के बाद मालिक ने अपने घर के तीसरी मंजिल पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
भारतीय परिवारों में पालतू जानवर रखने की परंपरा काफी प्रसिद्ध है. हर परिवार में एक पालतू जानवर जरूर होता है. गांवों में गाय, भैंस और बकरी ज्यादातर रखे जाते हैं. वहीं शहरी इलाकों में कुत्ते, बिल्ले और पक्षियों को रखने का ज्यादा प्रचलन है.
इंडियन परिवार अपने पालतू जानवरों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. कई परिवारों में तो घर के पालतू जानवर घर के परिवारों वालों से इतना प्यार करते हैं कि उनके बिना एक समय का खाना भी नहीं खा पाते हैं. इस परिवार में भी कुछ ऐसा ही था. चार भाई-बहन के पास एक प्यारी बिल्ली थी. हालांकि बिल्ली की मौत के बाद भी सबसे बड़ी बहन पूजा ने उसके शव को अपने पास तीन दिनों तक रखा था. उसे उम्मीद थी की वह थोड़ी देर में जाग जाएगी. हालांकि जब उसे पता चला कि अब बिल्ली कभी नहीं जागेगी तब उसने खुद को फांसी पर लटका लिया.
पूजा के परिवार वालों का कहना है कि पूजा अपनी बिल्ली की देखभाल खुद करती थी. वहीं बिल्ली भी पूजा के अगल-बगल घूमता था. दोनों का रिश्ता काफी मजबूत था, पूजा अपनी बिल्ली से इस कदर जुड़ी हुई थी की वो उसके बिना खाना-पीना भी नहीं करती थी. ऐसे में उसके मौत का सदमा वह सह नहीं पाई और उसने अपने जीवन को खत्म कर लिया. आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल को अपने कब्जे में ले लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मामले की जानकारी जुटाई जा रही है. परिवार वालों के द्वारा दी गई जानकारी के बावजूद हर एक एंगल से जांच की जा रही है. हालांकि इस तरह की घटना यह दर्शाता है कि मनुष्यों और जानवरों के बीच एक गहरा बंधन होता है.