Uttar Pradesh News: अयोध्या में भाजपा की समीक्षा बैठक में हुए विवाद के बाद हटाई गई हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास की सुरक्षा को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर तंज कसते हुए एक लाइन लिखी. अब उनके पोस्ट को लेकर भी सियासत तेज हो गई है. लोग कह रहे हैं कि पहले बेलगाम नेताओं को कुछ नहीं बोला अब जीत मिलने के बाद साधुओं के हितैषी बन रहे हैं.
अखिलेश यादव की पोस्ट के बाद उन पर भी लोग सवाल खड़े करने लगे हैं. उनसे पूछा जा रहा है कि जब राम मंदिर, रामचरित मानस पर उनके नेता विवादित बयान दे रहे थे तो वो क्या कर रहे थे. अब जीतने के बाद उनको अक्ल आई है?
उप्र भाजपा अपनी हार का बदला अयोध्या के साधु-संतों से न ले। जो सच में सज्जन है उनकी सुरक्षा की समीक्षा करके सुरक्षा प्रदान की जाए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 22, 2024
तत्कालीन सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य राम मंदिर, रामचरित मानस और हिंदू धर्म को लेकर लगातार विवादित बयान दिए. बाद में उन्होंने अखिलेश यादव से अलग होकर पार्टी बनाई. इस दौरान भी उन्होंने कई विवादित बयान दिए. हालांकि, अखिलेश यादव हमेशा उन पर चुप रहे. इतना ही नहीं उन्होंने मौर्य की वापसी के लिए भी कोशिश की. अब सवाल उठ रहा है कि वो उनपर चुप क्यों थे?
समाजवादी नेता और SP के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव संत रविदास जयंती के मौके पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि औरंगजेब से ज्यादा बौद्ध स्तूप शंकराचार्य के शिष्यों ने तोड़ हैं. उनके इस बयान पर भी काफी बवाल हुआ था. हालांकि, अखिलेश यादव तब भी चुप ही थे.
संभल से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया था. एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बुलडोजर से डराया जाता है. हम सिर्फ अल्लाह से डरते हैं. हमे शाहबुद्दीन-अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की कुर्बानी नहीं भूलना चाहिए.
गुरुवार अयोध्या में भाजपा की हार पर समीक्षा बैठक हो रही थी. इसके लिए योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह पहुंचे थे. बैठक में हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास भी शामिल हुए थे. बताया जा रहा है यहां उन्होंने पार्टी हार का ठिकरा जिलाधिकारी नीतीश कुमार के सिर पर मढ़ दिया. इसके बाद दोनों में कहा सुनी हो गई और उनकी सुरक्षा हटा दी गई.
हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने आरोप लगाया कि बैठक के बाद DM नीतीश कुमार ने उनकी सुरक्षा हटाई है. वहीं मामले में जिलाधिकारी ने कहा बताया कि राजू दास आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. उनके खिलाफ कई मामले हैं. ऐसे में सुरक्षा देने वाली कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर गनर वापस लिए गए हैं. इसी के बाद से मामला गरमाया हुआ है.