Mahashivratri Mahakumbh 2025: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कई अहम फैसले लिए हैं. महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ नगर और प्रयागराज में किसी भी प्रकार की शिव बारात या जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई है. इसके साथ ही, पूरे शहर को नो व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया है, जिससे यातायात सुचारू बना रहे और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो.
महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान आयोजित किया जाएगा. इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. लाखों श्रद्धालु पहले से ही प्रयागराज पहुंच चुके हैं, और प्रशासन को अनुमान है कि करीब 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस दिन संगम में स्नान कर सकते हैं.
वीआईपी प्रोटोकॉल रद्द, स्नान के लिए 3 जोन बनाए गए
वहीं इस बार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल को पूरी तरह से रद्द कर दिया है. इसके अलावा, स्नान को व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए तीन जोन बनाए गए हैं:-
श्रद्धालुओं को उसी जोन में स्नान करना होगा, जहां वे पहुंचेंगे. किसी को भी दूसरे जोन में जाने की अनुमति नहीं होगी.
नहीं निकलेगी शिव बारात या कोई जुलूस
बता दें कि महाकुंभ प्रशासन और प्रयागराज जिला प्रशासन ने सभी प्रमुख शिव मंदिरों के पुजारियों और प्रबंधकों के साथ बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि महाशिवरात्रि पर किसी भी प्रकार का जुलूस या शिव बारात नहीं निकलेगा. हालांकि, मंदिरों में भक्त दर्शन और पूजन कर सकेंगे. यह निर्णय भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिहाज से लिया गया है, ताकि भगदड़ जैसी कोई अप्रिय घटना न हो.
प्रयागराज और महाकुंभ नगर पूरी तरह बना नो व्हीकल ज़ोन
महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज और महाकुंभ नगर में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी. डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि शहर में बाहर से आने वाली बसें और ट्रेनें यात्रियों से खचाखच भरी हुई हैं, वहीं कई लोग निजी वाहनों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने पूरे शहर को नो व्हीकल ज़ोन घोषित कर दिया है.
सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए सेक्टोरियल सिस्टम लागू
महाकुंभ प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन को लेकर सेक्टोरियल सिस्टम लागू किया है. इस व्यवस्था के तहत -
महाकुंभ के समापन के बाद शहर की वापसी
महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ 2025 का समापन हो जाएगा. 45 दिनों तक आध्यात्मिक आस्था का केंद्र रहा प्रयागराज अब अपनी सामान्य दिनचर्या में लौटेगा. संगम तट पर बसे अस्थायी शहर को समेटने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. नागा साधु और शैव अखाड़ों के संत काशी विश्वनाथ मंदिर में अंतिम प्रार्थना करेंगे और वाराणसी में अपनी आध्यात्मिक यात्रा का समापन करेंगे.
हालांकि, महाशिवरात्रि के पर्व पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने वाली है. सुरक्षा और प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल रद्द कर दिया है, शिव बारात निकालने पर रोक लगा दी गई है और प्रयागराज को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है. तीन जोनल सिस्टम के तहत स्नान व्यवस्था बनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को सुगमता से स्नान करने का अवसर मिलेगा. यदि आप महाशिवरात्रि पर महाकुंभ जा रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को सुगम बनाएं.