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Noida News: हादसा या आत्महत्या! 22वीं मंजिल से गिरकर छात्र की दर्दनाक मौत, राज से पर्दा उठाएगी पुलिस

Noida News: ये घटना नोएडा के बिसरख में सुपरटेक ईको विलेज 3 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में देर शाम की है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है. अधिकारियों ने कहा है कि 22 फरवरी को भी पास की एक इमारत में ऐसी ही घटना हुई थी. 

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Edited By: India Daily Live
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Noida News: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक 14 साल के लड़के की हाईराइस सोसायटी की 22वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ये महज एक हादसा था या फिर बच्चे ने आत्महत्या की है. नोएडा पुलिस इस मामले की गंभीरता के साथ जांच कर रही है.  

नोएडा पुलिस के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया है कि 14 वर्षीय लड़के ने हाल ही में अपनी वार्षिक परीक्षा दी थी. गुरुवार को उसका रिजल्ट आने वाला था. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि घटना बिसरख में सुपरटेक ईको विलेज 3 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में देर शाम की है. 

सुपरटेक ईको विलेज 3 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की है घटना

सोसाइटी के एक टावर की 22वीं मंजिल से गिरने के बाद लड़के की मौके पर ही मौत हो गई. मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही चल रही है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़के के माता-पिता म्यूजिक टीचर हैं. अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि परिवार इमारत की दूसरी मंजिल पर एक फ्लैट में रहता है, जबकि लड़का कथित तौर पर 22वीं मंजिल से गिरा.

अधिकारी ने कहा कि परिवार इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा है कि क्या लड़का पढ़ाई या परीक्षा परिणाम के दबाव में था या फिर किस और वजह से उसको तनाव था. पुलिस को उस वक्त घटना संदिग्ध लगी जब परिवार ने मामले में आगे कोई जांच नहीं करने की इच्छा जताई है.

22 फरवरी को भी पास की एक सोसायटी में हुई थी ऐसी ही घटना

पुलिस ने बताया है कि 22 फरवरी को पास के महागुन मायवुड्स सोसाइटी में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने भी बोर्ड परीक्षा देने के कुछ घंटे बाद ही सुसाइ़ड कर ली थी. उसकी भी इमारत की 22वीं मंजिल से कूदने के बाद मौत हो गई. हालांकि इस कदम के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस ने कहा कि करीब 19 साल का छात्र पिछले साल भी परीक्षा पास नहीं हो पाया था. 

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है यदि माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या दोस्त छात्र की मदद करें. बच्चे के व्यवहार में बदलाव को पहचानें और उनसे बात करें, ताकि उन्हें आत्मसम्मान पर संदेह न होने दें.