इंटरनेशनल एयरपोर्ट ही नहीं... जेवर में अब मेगा रिपेयर हब बनाने की प्लानिंग, जानें क्या होगा?

Jewar Mega Repair Hub: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर बड़ी खबर आई है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर हवाई अड्डे के बगल में एक मेगा रिपेयर सेंटर बनाने के लिए बातचीत कर रहा है. MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) हब जेवर परियोजना के सेकंड फेज का हिस्सा है. हब स्थापित करने के लिए अथॉरिटी को 1,365 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण करना होगा.

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Jewar Mega Repair Hub:  नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल (MRO) हब बनाने के लिए लेटर ऑफ इंटरेस्ट जारी किया है. ये पहल एयरपोर्ट के दूसरे चरण का हिस्सा है, जिसमें 1,365 हेक्टेयर भूमि विकास के लिए निर्धारित है. प्रमुख वैश्विक कंपनियों के साथ बातचीत जारी है, क्योंकि सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी शुरू की है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट के बगल में एक मेगा रिपेयर सेंटर स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी सितंबर में एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी करने की तैयारी कर रहा है. ये एक मेगा कॉम्प्लेक्स होगा जिसमें जेवर एयरपोर्ट के बगल में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सेवाएं उपलब्ध होंगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) हब स्थापित करने के लिए प्राधिकरण को 1,365 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा. ये भूमि एमआरओ हब और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए समर्पित होगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार पहले से ही प्रक्रिया में है और उसने एविएशन हब के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है.

ग्लोबल कंपनियों से किया कॉन्टेक्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने कई ग्लोबल कंपनियों से संपर्क किया है. पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलने के बाद यूपी सरकार ने एक विशेष MRO पॉलिसी भी बनाई है. इस पहल के तहत सरकार कंपनियों को विशेष सब्सिडी देगी. ये सब्सिडी 5 से 12 प्रतिशत के बीच होगी.

NIAL के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि हम वर्तमान में चार प्रमुख कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और उन्हें जेवर में निवेश करने का आग्रह कर रहे हैं. सरकार राज्य को एमआरओ हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके समर्थन के लिए एक विशेष नीति शुरू की है. भारत में MRO सर्विसेज की मांग ग्लोबल एवरेज की तुलना में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है,

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि जेवर में पिछले छह सालों में ज़मीन की कीमतों में 400 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, 1 हेक्टेयर ज़मीन की कीमत अब 1.5 करोड़ रुपये है, जबकि 2018 में इसकी कीमत 25 लाख रुपये थी.